पश्चिम बंगाल सरकार महानगर में कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक का जल्द परीक्षण करने की बना रही योजना
कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर डोज के परीक्षण
पश्चिम बंगाल सरकार महानगर में कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक का जल्द परीक्षण करने की योजना बना रही है और उसने विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में इसकी व्यवहार्यता के परीक्षण शुरू कर दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अभी तक छह अस्पतालों ने आगे आकर परीक्षणों का हिस्सा बनने की इच्छा जताई है. अधिकारी ने कहा, हम शहर में व्यवहार्यता परीक्षण कर रहे हैं जहां हम बूस्टर खुराक का परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं.
'स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन', 'कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड सागर दत्त हॉस्पिटल' और 'नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' तीन सरकारी अस्पताल हैं जिन्होंने इस संबंध में रूचि दिखाई है.
40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगनी चाहिए बूस्टर डोज
भारतीय SARS-CoV-2 जेनेटिक्स कंसोर्टियम या INSACOG ने कहा कि 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लेनी चाहिए. INSACOG लैब ने अपनी साप्ताहिक बुलेटिन में 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लेने की सिफारिश की है. लोकसभा में कोरोना महामारी की स्थिति पर चर्चा के दौरान सांसदों ने कोविड के टीकों की बूस्टर खुराक की मांग की थी इसी बीच लैब के वैज्ञानिकों ने यह सिफारिश की है. INSACOG कोरोना के जीनोम वेरिएशंस की निगरानी के लिए सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि टीका नहीं लेने वाले लोग सबसे पहले टीकाकरण करवाए. टीका नहीं लेने वाले लोगों पर कोरोना का खतरा ज्यादा है. वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि वर्तमान टीका कोरोना के खरतनाक वैरिएंट ओमीक्रॉन से लड़ने में उतना ताकतवर नहीं है. लिहाजा और 40 से अधिक उम्र वाले लोग बूस्टर खुराक लेने पर भी विचार करें. संस्था ने ओमीक्रॉन से प्रभावित इलाकों पर नजर रखने की भी सलाह दी और कोरोना संक्रमण के मामलों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करने की मांग की है.