BENGAL KAVYANJALI-कोलकाता। ....अब वाणी में अंगार धमनी में उबाल चाहिए समेत कई वीर रस की कविताओं के साथ राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल ने 17 जून को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि मनाई। कवि संगम ने लक्ष्मीबाई के बलिदान के लिए ऑनलाइन भावपूर्ण काव्यांजलि आयोजित की। संचालन अनन्या राय और अध्यक्षता हास्य कवि डॉ अशोक बत्रा ने की। राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल अध्यक्ष गिरिधर राय ने शनिवार को यह जानकारी दी। शुरुआत हिमाद्रि मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुई। काव्यांजलि के मुख्य अतिथि संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री अशोक बत्रा ने झांसी की रानी की वीरता शौर्य का बखान कर राष्ट्रीय कवि संगम की टीम की सराहना की। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साहस का वर्णन करते हुए उन्होंने -कामनाओं सी धधकती है जवानी....सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने संदेश दिया कि ....यूं तो मेरे देश में एक नहीं हजाऱ मोहन हुए उनमें एक मुरली बजाने वाला मोहन कृष्ण, दूसरे मोहनदास करमचंद गांधी, तीसरे मनमोहन और चौथे शहीद इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा जो दिल्ली आतंकी हमले में शहीद हुए।