पच्छिम बंगाल : भाजपा बंगाल में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव, वही माडल बंगाल में लागू
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भाजपा बंगाल में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव लाना चाहती है। इस कड़ी में गुजरात, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां पार्टी का संगठन मजबूत है, वही माडल बंगाल में लागू करने जा रही है। दरअसल भाजपा अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। हालांकि प्रदेश भाजपा अंतर्कलह, नेताओं के पलायन, कार्यकर्ताओं का अभाव जैसी समस्याओं से जूझ रही है। लिहाजा पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक लोकसभा की 18 सीटों को बरकरार रखना आसान नहीं होगा। इसे ध्यान में रखकर भाजपा पार्टी के सांगठनिक ढांचे में बड़ा बदलाव लाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा जल्द ही गांवों में क्षेत्रीय समितियां और शहरों में वार्ड समितियां बनाएगी। वहीं, पार्टी के पास प्रखंड स्तर पर भी एक कमेटी होगी। फिलहाल प्रदेश भाजपा में बूथ के ऊपर शक्ति केंद्र और मंडल कमेटी है। इसके ऊपर जिला कमेटी है। क्षेत्रीय समिति मंडल कमेटी के अधीन होगी।
भाजपा की नई योजना
राज्य भाजपा के एक नेता के अनुसार बंगाल में करीब 70,000 बूथ समितियां हैं। बंगाल में सात बूथों पर एक शक्ति केंद्र है। इसके ऊपर मंडल समिति है। मंडल समिति के ऊपर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार 42 जिला समितियां हैं। नई योजना के तहत जिला समिति के तहत प्रदेश के प्रत्येक प्रखंड में 341 समितियां गठित की जाएंगी।
पता चला है कि इस समिति के गठन के पीछे भाजपा का एक और लक्ष्य है। पार्टी का संविधान एक समिति में सदस्यों की अधिकतम संख्या निर्दिष्ट करता है, जिसमें महिलाओं की संख्या, आरक्षित जातियों और जनजातियों की संख्या शामिल है। हालांकि बंगाल एक बड़ा राज्य होने के बावजूद एक मंडल समिति में 60 से अधिक सदस्य नहीं हो सकेंगे। इसी प्रकार जिला समिति में अधिकतम 90 सदस्य हो सकते हैं। राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पार्टी कार्यकर्ताओं की संख्या में पहले की तुलना में वृद्धि हुई है। बहुत से लोग एक समिति में रहना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है। अगर अधिक समितियां होंगी तो सभी इच्छुक लोगों को कहीं जगह दी जा सकती है। हाल में करीबी सहयोगियों को जिला से लेकर मंडल स्तरीय समितियों में जगह नहीं मिलने से पार्टी के कई पदाधिकारी नाराज भी हैं। भगवा खेमे का मानना है कि नए स्तर पर समितियां बनने से इस गुस्से को काफी कम किया जा सकता है।