पश्चिम बंगाल : राज्यभर में लगाए गए 150 ध्वनि मापक यंत्र

वायु प्रदूषण जिस तरह फिजां में घुल कर फेंफड़ों को बीमार कर रहा है.

Update: 2022-06-26 11:52 GMT

कोलकाता । वायु प्रदूषण जिस तरह फिजां में घुल कर फेंफड़ों को बीमार कर रहा है, उही तरह ध्वनि प्रदूषण भी बीमारी को दावत देने में कहीं कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। सड़कों पर वाहनों की भरमार और उनके हॉर्न ध्वनि प्रदूषण को खुले में दावत देते हैं। कई बार देखा गया है कि ध्वनि के लिए तय किये गये मापदंडों की परवाह किये बिना धड़ल्ले से तेज आवाज में हॉर्न बजा कर नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन अब एक्शन मूड में आ गया है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से राज्यभर में ध्वनि प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही साथ कार्रवाई भी शुरू की गयी है। पीसीबी के डीजीपी व मेंबर सेक्रेटरी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस अभियान में पीसीबी के साथ पुलिस भी शामिल है। इसके तहत कुछ खास ध्वनि यंत्र थानों में दिये जा रहे हैं तथा थानेदारों को दायित्व दिया जा रहा है कि वे उनके खिलाफ एक्शन लें।

बंगाल में सबसे ज्यादा लगे हैं ध्वनि मापक यंत्र :

वैसे तो ध्वनि प्रदूषण के मामले में कई राज्य व शहर हैं जो अपने स्तर पर इस क्षेत्र में काम कर रहे है। बंगाल की बात की जाये तो यहां सबसे अधिक ध्वनि मापक यंत्र इंस्टॉल किये गये हैं। डॉ. कुमार ने बताया कि राज्य के लगभग सभी नगरपालिका क्षेत्र में एंबिएंस नॉइज मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है। अभी इनकी संख्या 150 है, आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ायी जाएगी। इस सिस्टम को जिला एसपी कार्यालय तथा कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, पीसीबी को जहां भी शिकायत मिलती है उसे ईमेल के जरिये थानों में भेज दिया जाता है तथा अगले दिन उसके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान रखा गया है।


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