कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ने आगामी पंचायत चुनावों के दौरान चुनाव से संबंधित कार्यो के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित मौजूदा दरों के तहत बसों की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है। राज्य ट्रासंपोर्ट ऑपरेटर्स के संयुक्त फोरम ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को एक विज्ञप्ति भेजकर बसों, मिनी बसों और कारों की आपूर्ति करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।
फोरम ने कहा कि जब तक राज्य सरकार 2021 विधानसभा चुनावों के दौरान तय की गई दरों से बढ़ोतरी नहीं करती, तब तक वाहन नहीं दिए जाएगें।
फोरम के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह के वाहनों को चलाने और बनाए रखने के खर्च में 2021 की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए जब तक राज्य सरकार आनुपातिक रूप से दर में वृद्धि नहीं करती है, तब तक मालिकों के लिए चुनाव से संबंधित ड्यूटी के लिए अपने वाहनों की आपूर्ति करना संभव नहीं होगा।
फोरम द्वारा आयोग को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार निर्धारित की जाने वाली नई दैनिक दर वास्तविक पर ईंधन लागत के अतिरिक्त बसों के लिए 3,500 रुपये होगी। फोरम ने यह भी दावा किया है कि 80 फीसदी राशि एडवांस मिलने पर ही वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।
फोरम ने कहा कि 2021 में निर्धारित बसों की दर 2,300 रुपये प्रतिदिन थी और अग्रिम भुगतान 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया था।
मिनी बसों के मामले में, आयोग द्वारा निर्धारित दर 80 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के खंड के साथ वास्तविक ईंधन लागत के अलावा 3,000 रुपये प्रतिदिन है। 2021 में मिनी बसों की दर 1,900 रुपये प्रतिदिन थी।
सात सीटों वाली एसयूवी के मामले में, फोरम ने 2021 में दैनिक दर को 810 रुपये से बढ़ाकर 1,200 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है।
वातानुकूलित वाहनों के मामले में नई दैनिक दर 2021 में 1,120 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा, 2021 में 170 रुपये के प्रत्येक चालक के लिए दैनिक जलपान भत्ता शुल्क 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
बताया जा रहा है कि अभी तक राज्य सरकार की ओर से इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगी या नहीं।