टीकरी बॉर्डर रेप केस: युवती से दुष्कर्म करने वाले मोस्टवांटेड आरोपी गिरफ्तार, एक इनामी मुख्य आरोपी फरार 

पश्चिम बंगाल से किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हरियाणा के बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर आई युवती के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ करने के मामले में अति वांछित आरोपी अंकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Update: 2021-10-27 18:04 GMT

पश्चिम बंगाल से किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हरियाणा के बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर आई युवती के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ करने के मामले में अति वांछित आरोपी अंकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उसने स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया था। वह पांच महीने से फरार था। उसको पकड़ने के लिए पुलिस विभाग ने 25000 रुपये का इनाम घोषित किया था। बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने जिला चरखी दादरी के गांव मंदोला के निवासी अति वांछित आरोपी अंकुर को मंगलवार को अदालत परिसर बहादुरगढ़ से काबू किया है। पुलिस ने अदालत से अंकुर को पूछताछ के लिए एक दिन के रिमांड पर लिया और रिमांड अवधि पूरी होने के बाद बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि 9 मई 2021 को थाना शहर बहादुरगढ़ में दर्ज आपराधिक मामले के अनुसार टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन क्षेत्र में आंदोलन के समर्थन में पहुंची पश्चिम बंगाल की युवती के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म की वारदात की गई थी। मामले की जांच के लिए उनके नेतृत्व में गठित एसआईटी में थाना शहर प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार, महिला थाना बहादुरगढ़ की प्रभारी उप निरीक्षक नीलम, सीआईए-टू बहादुरगढ़ के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार को शामिल किया गया था।
डीएसपी ने बताया कि 11 अप्रैल 2021 को पीड़िता पांच व्यक्तियों अनिल मलिक, जगदीश बराड़, अंकुर, अनूप चानौत व एक महिला के साथ पश्चिम बंगाल से किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए बहादुरगढ़ के लिए चली थी। पीड़िता के पिता ने एसआईटी को बताया था कि उनकी बेटी अनूप चानौत व अनिल मलिक के साथ बहादुरगढ़ में उनके टेंट में रह रही थी। जहां उसके साथ छेड़खानी व गलत काम करने की सारी बातें उनकी पीड़ित बेटी ने उनको बताई थी। पीड़िता की 30 अप्रैल को बहादुरगढ़ के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
डीएसपी के अनुसार, यह बातें एसआईटी द्वारा पूछताछ के दौरान शामिल किए गए अन्य व्यक्तियों ने भी बताई हैं। शिकायतकर्ता ने अपनी दरखास्त में आरोप लगाया था कि उनकी बेटी के साथ अनिल मलिक, अनूप चानौत व अन्य द्वारा छेड़खानी व खराब काम किया गया था। एसआईटी ने किसान नेता योगेंद्र यादव समेत 30 से अधिक व्यक्तियों को जांच में शामिल किया था। जिनका उपरोक्त मामले से किसी न किसी प्रकार से संबंध था। केस की एसआईटी द्वारा तफ्तीश लगातार जारी है।
पूछताछ के दौरान पुष्टि होने पर तीन अति वांछितों में से दो आरोपियों अनिल मलिक व अंकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है। गांव नौरंगाबास जाटान निवासी अनिल मलिक घटना से पहले दिल्ली के पोचन पुर में रह रहा था और अंकुर चरखी दादरी के गांव मंदोला का निवासी है। जबकि अनूप चानौत हिसार जिला के गांव चानौत का निवासी है, जो अभी फरार है।
अंकुर पिछले काफी दिनों से छुपकर पुलिस की पकड़ से फरार चल रहा था। अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। डीएसपी ने बताया कि वह नवंबर 2020 से किसान आंदोलन में टीकरी बॉर्डर पर सक्रिय था। वह अन्य साथियों के साथ मिलकर किसान सोशल आर्मी से जुड़कर काम करता था। इसी दौरान वह अपने संगठन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनाव में पश्चिम बंगाल गया था। जहां युवती की उससे व उसके साथियों से मुलाकात हुई थी।
Tags:    

Similar News

-->