सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल स्पीकर से कहा- 'मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर 2 सप्ताह के अंदर ले फैसला'

पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय (West Bengal Speaker Biman Banerjee) को मुकुल रॉय (Mukul Roy) के विधायक पद खारिज करने को लेकर दो सप्ताह के अंदर फैसला लेना होगा.

Update: 2022-01-17 07:44 GMT

पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय (West Bengal Speaker Biman Banerjee) को मुकुल रॉय (Mukul Roy) के विधायक पद खारिज करने को लेकर दो सप्ताह के अंदर फैसला लेना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस संबंध में उम्मीद जताई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले स्पीकर को 17 जनवरी तक मामले को समाप्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक मामले का निपटारा नहीं हुआ है. लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुकुल रॉय के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई हुई. बता दें कि मुकुल रॉय के इस्तीफे के मामले की विधानसभा में 14 जनवरी को सुनवाई हुई थी. उस दिन सुनवाई के दौरान विधान सभा द्वारा सभी मामले दर्ज किए गए. हालांकि मुकुल रॉय के वकील ने भी यही तर्क दिया था कि शिष्टाचार के चलते मुकुल दूसरे राजनीतिक दल के मंच पर गए थे. वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए हैं. मुकुल बीजेपी में हैं. बीजेपी ने मुकुल रॉय को सस्पेंड नहीं किया है.

बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी विधायक मुकुल राय के दल परिवर्तन के मामले को लेकर बंगाल विधानसभा में सुनवाई के दौरान उनके वकील ने एक बार फिर दोहराया कि वरिष्ठ नेता ने कोई दल परिवर्तन नहीं किया है. यहां तक कि बीजेपी ने भी उन्हें निलंबित नहीं किया है. वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के वकील ने तमाम वीडियो और मीडिया कटिंग के जरिए यह बताने की कोशिश की कि मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. दूसरी ओर, बुधवार को विधानसभा में इस मामले की फिर सुनवाई है.
विधानसभा स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
बंगाल विधानसभा स्पीकर ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट उन्हें 7 अक्टूबर तक मुकुल रॉय की अयोग्यता के मुद्दे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. मामला स्थगित हो गया और 21 दिसंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट में अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. बीजेपी विधायक अंबिका रॉय ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर मुकुल रॉय को इस आधार पर अयोग्य ठहराने की मांग की थी कि वह बीजेपी से टीएमसी में शामिल हो गए हैं.
11 जनवरी को टीएमसी में शामिल हो गये थे मुकुल रॉय
बताते चलें कि कृष्णानगर उत्तर से बीजेपी विधायक मुकुल रॉय ने 11 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा था. कुछ दिनों बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल के विधायक पद को बर्खास्त करने की मांग करते हुए 64 पन्नों की याचिका दायर की. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने पहले कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट के किसी भी निर्देश का पालन करेंगे. इससे पहले 24 दिसंबर को मुकुल रॉय के दल परिवर्तन को लेकर विधानसभा में सुनवाई हुई थी, जहां राय मौजूद नहीं थे. सुनवाई के दौरान मुकुल के वकील सायंतक दास ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि मुकुल ने कभी भी बीजेपी नहीं छोड़ी.


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