कोलकाता। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि वो सारदा समूह के 61 भूखंडों की नीलामी करेगा। नीलामी से प्राप्त रकम को ठगी के शिकार हुए निवेशकों में बांट दिया जाएगा, जिन्होंने मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम्स में अपनी गाढ़ी कमाई गंवाई है। इससे जुड़ा नोटिफिकेशन सेबी ने सोमवार को जारी किया, जिसकी एक कॉपी आईएएनएस के पास है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, न्यायमूर्ति एसपी तालुकदार की एक सदस्यीय समिति के निर्देश के बाद सेबी नीलामी की व्यवस्था कर रहा है।
क्विकर रियलिटी लिमिटेड को सेबी द्वारा उल्लिखित संपत्तियों की बिक्री में सहायता देने की जिम्मेदारी दी गई है। मेसर्स सी-वन इंडिया को ई-नीलामी प्रदाता के रूप में नियुक्त किया गया है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ई-नीलामी क्विकर रियलिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर ई-ऑक्शन कैटेगरी में की जाएगी। इच्छुक बोलीदाता को संपत्ति के दस प्रतिशत की राशि को जमा करना होगा। संपत्तियों की बिक्री के लिए ईएफटी, एनईएफटी, आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है।
सेबी ने 61 भूखंडों की लिस्ट भी सौंपी है। जिसमें अधिकांश पश्चिम बंगाल में हैं। भूखंडों की अनुमानित मूल्य 25 करोड़ रुपए है, जो नीलामी की बेस प्राइस के रूप में तय किया गया है। बता दें कि 2012 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार लेफ्ट फ्रंट के 34 सालों के शासन को खत्म करके सत्ता में आई थी। इस दौरान पश्चिम बंगाल में रिकॉर्ड पोंजी स्कीम सामने आई। जिसमें सारदा और रोज वैली ग्रुप प्रमुख थे। पोंजी स्कीम मामले में टीएमसी के कई दिग्गज नेताओं, सुदीप बंदोपाध्याय, मदन मित्रा और दिवंगत तापस पाल, को भी केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
--आईएएनएस