Kolkata कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन गुरुवार को 13वें दिन में प्रवेश कर गया। वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की मृतक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु को न्याय दिलाने और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉ. सुवेंदु मलिक ने बताया कि अब तक छह अनशनकारी जूनियर डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य में गंभीर गिरावट के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आठ चिकित्सक कोलकाता के मध्य में स्थित एस्प्लेनेड में विरोध स्थल पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टर आरजी कर अस्पताल की मृतक महिला चिकित्सक को न्याय दिलाने और राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।
उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, बिस्तरों की रिक्तियों की निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की भी मांग कर रहे हैं। 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में अपने साथी चिकित्सक के कथित बलात्कार-हत्या के बाद जूनियर डॉक्टर 'काम बंद' पर चले गए थे। 42 दिनों के बाद 21 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।