कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 19 जिलों के 696 मतदान केंद्रों (बूथ) पर पंचायत चुनाव के लिए पुनर्मतदान जारी है. मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के कारण और चुनाव संबंधी हिंसा में 15 लोगों की मौत के बाद इन केंद्रों पर पंचायत चुनाव के दौरान हुए मतदान को अमान्य घोषित कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि पुनर्मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ. पूर्वाह्न 11 बजे तक 10.9 प्रतिशत मतदान हुआ. इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और प्रत्येक मतदान केंद्र पर राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बल के चार जवान तैनात हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मतपेटियां के समय पर नहीं पहुंचने के कारण कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान देर से शुरू हुआ. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी ने कहा, "जिन जिलों में पुनर्मतदान जारी है, वहां से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस ने उन पर काबू पा लिया." उन्होंने बताया कि नादिया के तेहट्टा में एक सड़क सुबह अवरुद्ध कर दी गई, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे बहाल करवा दिया. पूर्व मेदिनीपुर जिले के मयना में एक मतदान केंद्र के बाहर मतदाताओं ने प्रदर्शन किया. मतदान शाम पांच बजे तक जारी रहेगा.
अधिकारियों ने बताया कि जिन जिलों में पुनर्मतदान की घोषणा की गई है, उनमें मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 175 मतदान केंद्र और उसके बाद मालदा में 109 मतदान केंद्र हैं. नादिया में 89 मतदान केंद्र पर, कूच बिहार में 53, उत्तर 24 परगना में 46, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण 24 परगना में 36, पूर्व मेदिनीपुर में 31 और हुगली में 29 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हो रहा है. उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग, झाड़ग्राम और कलिम्पोंग जिलों में पुनर्मतदान का आदेश नहीं दिया गया. हिंसा तथा मतपेटियों व मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की खबरों की समीक्षा करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने रविवार शाम को इन 696 मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान कराने की घोषणा की थी.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को 61,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था. कई स्थानों पर मतपेटियां लूट ली गईं या उनमें आग लगा दी गईं और उन्हें तालाबों में फेंक दिया गया जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी. राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे.