कारखाना बंद करने के मामले में हाई कोर्ट से मिली राहत, पढ़े पूरी खबर

Update: 2022-05-08 12:25 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की तरफ से एक कारखाने को बंद करने का आदेश देते हुए नोटिस दी गई थी। कंपनी की तरफ से इसके खिलाफ हाई कोर्ट में एक रिट दायर की गई थी। जस्टिस राजाशेखर मंथा ने मामले की सुनवायी के बाद कंपनी को उपयुक्त फोरम में अपील दायर करने का आदेश दिया है। कंपनी की तरफ से पैरवी करते हुए कहा गया कि अगर कारखाना बंद हो जाता है तो पांच सौ से अधिक लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की तरफ से पैरवी कर रही एडवोकेट सोनल सिन्हा ने यह जानकारी दी। अमित मेटालिक्स लि. का पश्चिम बर्दवान में एक कोक ओवेन प्लांट है। पर्षद ने प्रदूषण नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए 26 अप्रैल को नोटिस देकर कारखाने को बंद करने का आदेश दिया था।
कंपनी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। जस्टिस मंथा ने अपने आदेश में कहा है कि 2021 में 18 नवंबर को कंपनी को कारखाना बंद करने की नोटिस दी गई थी। बहरहाल कंपनी की तरफ से एक मुचलका देने के बाद नोटिस के तहत की जाने वाली कार्रवाई निलंबित कर दी गई थी।
इसके बाद 26 अप्रैल को नये सिरे से नोटिस दे दी गई। कंपनी की दलील थी कि न तो पिछली नोटिस के तहत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दी गई और न ही उसे सुना गया। कंपनी की तरफ से पांच सौ से अधिक लोगों की रोजी-रोटी का सवाल उठाया गया तो एडवोकेट सोनल सिन्हा ने इसका तीखा विरोध करते हुए कहा कि कंपनी प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन कर रही है।
जस्टिस मंथा ने अपने आदेश में कहा है कि कंपनी के पास एक विकल्प है वह इसी कानून की धारा 31के तहत अपील कर सकती है। जस्टिस मंथा ने आदेश दिया है कि कंपनी तत्काल अपील करे और अपीलेट ऑथरिटी को आदेश दिया है कि वह पंद्रह दिनों के अंदर इस मामले की सुनवायी करने के बाद कानून के तहत आदेश जारी करे।
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