90 साल बाद दुर्लभ नजाराः पश्चिम बंगाल के अभ्यारण्य में दिखा मोनाल पक्षी

पश्चिम बंगाल में करीब 90 साल बाद एक दुर्लभ नजारा देखने को मिला.

Update: 2022-04-20 18:49 GMT

पश्चिम बंगाल में करीब 90 साल बाद एक दुर्लभ नजारा देखने को मिला. यहां के वन्यजीव अभ्यारण्य में 90 साल बाद दुर्लभ प्रजाति के मोनाल पक्षी को देखा गया. फिलहाल, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के वैज्ञानिक खुश भी हैं और पक्षी को फिर से देखे जाने के बाद से उत्साह में भी हैं. जानकारी के मुताबिक भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सेंचल वन्यजीव अभयारण्य में करीब 90 साल बाद एक दुर्लभ प्रजाति के मोनाल पक्षी का पता लगाया गया. गौरतलब है कि नर मोनाल (सैटियर ट्रैगोपान) भारत में पाए जाने वाले सबसे सुंदर और दुर्लभतम पक्षियों में से एक है. इस पक्षी की यह प्रजाति दार्जिलिंग जिले के नेओरा वैली राष्ट्रीय उद्यान और सिंगालिला राष्ट्रीय उद्यान में पायी जाती है.

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक धृति बनर्जी ने कहा कि इतने लंबे समय बाद पक्षी की दुर्लभ प्रजाति (सैटियर ट्रैगोपान) को दोबारा खोजा जाना बेहद उत्साहजनक खबर है. मालूम हो कि साल 1915 में बना सेंचल वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के सबसे पुराने अभयारयण में शुमार है, जोकि दार्जिलिंग शहर के बाहरी हिस्से में है. बयान के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर मोनाल कहा जाने वाला यह पक्षी दार्जिलिंग के पास इस क्षेत्र में पिछली बार वर्ष 1933 में 7,000-8,000 फुट की ऊंचाई पर वैज्ञानिकों द्वारा देखा गया था.


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