सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही: Kunal Ghosh
Calcutta. कलकत्ता: तृणमूल कांग्रेस Trinamool Congress के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने सोमवार को कहा कि पुलिस केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो सोशल मीडिया पर गलत सूचना, फर्जी ऑडियो पोस्ट कर रहे हैं और आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई डॉक्टर का नाम उजागर कर रहे हैं।
घोष ने कहा कि लोग विरोध कर सकते हैं, लेकिन उचित तरीके से।घोष ने एक्स पर पोस्ट किया, "अगर आपको लगता है कि आप विरोध करेंगे, तो उचित भाषा में सौ बार करें। इसे हजार बार करें।"उन्होंने कहा, "लेकिन गलत सूचना, विकृत धारणाएं, फर्जी ऑडियो, जानबूझकर भड़काऊ पोस्ट, मृतक के नाम और फोटो देने पर पुलिस आपको चेतावनी देगी।"
कोलकाता पुलिस ने रविवार को टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय TMC MP Sukhendu Shekhar Roy को तलब किया, इससे कुछ घंटे पहले उन्होंने मांग की थी कि सीबीआई कोलकाता पुलिस आयुक्त और आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य से पूछताछ करे।रॉय ने सीबीआई से निष्पक्ष कार्रवाई करने का आह्वान किया था, जो सरकारी आर जी कर एमसीएच में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच कर रही है। उन्होंने मेडिकल प्रतिष्ठान के पूर्व प्राचार्य और सीपी से हिरासत में पूछताछ की मांग की थी, ताकि पता चल सके कि "किसने और क्यों आत्महत्या की कहानी गढ़ी"।
पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने रॉय को घटना के बारे में कथित तौर पर गलत सूचना पोस्ट करने के लिए रविवार को शाम 4 बजे लालबाजार स्थित अपने मुख्यालय में अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने पूर्व भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी और दो प्रसिद्ध डॉक्टरों को भी कथित तौर पर अफवाह फैलाने और आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर की पहचान उजागर करने के लिए समन जारी किया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों के अलावा पुलिस ने घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है। उन्होंने बताया कि डॉ. कुणाल सरकार और डॉ. सुवर्ण गोस्वामी को रविवार को दोपहर 3 बजे लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। अधिकारी ने बताया कि इन लोगों पर पीड़िता की पहचान उजागर करने, अफवाह और फर्जी खबरें फैलाने का आरोप है। महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। अपराध में कथित संलिप्तता के लिए अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था।