धारा 144 का उल्लंघन करते हुए राजभवन के सामने टीएमसी के आंदोलन के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका
कोलकाता (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में सोमवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस को कोलकाता में राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन की पुलिस अनुमति को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील एस दास ने अपनी जनहित याचिका में तर्क दिया है कि सत्तारूढ़ दल को वहां धरना देने की अनुमति देना राजभवन परिसर में लगाई गई धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन है।
डिवीजन बेंच ने याचिका स्वीकार कर ली है, लेकिन मामले में फास्ट-ट्रैक सुनवाई की याचिका खारिज कर दी है।
यह घटनाक्रम राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को एक विज्ञप्ति भेजने के एक दिन बाद आया है, जिसमें राजभवन परिसर में निषेधाज्ञा के उल्लंघन में विरोध प्रदर्शन की अनुमति पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व, पश्चिम बंगाल सरकार को मनरेगा जैसी विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत अपेक्षित धन मुहैया कराने में केंद्र सरकार की कथित अनिच्छा के खिलाफ गुरुवार शाम से राजभवन के सामने मैराथन धरना दे रहा है।
बनर्जी ने कहा है कि जब तक राज्यपाल प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
सोमवार को गतिरोध खत्म होने की उम्मीद है क्योंकि राज्यपाल प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए सहमत हो गये हैं।