कस्टडी में बिगड़ी पार्थ चटर्जी की तबियत, अस्पताल में भर्ती कराने की मिली अनुमति
कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय की पश्चिम बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले के मामले चल रही जांच में अब नया मोड़ आ गया है. जांच एजेंसी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को दो दिन की हिरासत में भेजा, जहां उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की अनुमति दे दी गई है. वहीं पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है.
अर्पिता की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत की गई है.प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी के घर छापामार कार्रवाई की थी. छापे में ईडी को करीब 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. हालांकि उनके घर पर मिले कैश की अभी भी गिनती जारी है और ये राशि और बढ़ सकती है. छापे में अर्पिता के घर से कई फर्जी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज, 20 मोबाइल फोन इत्यादि भी मिले हैं. उनके घर से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया है.
पार्थ चटर्जी को ईडी की दो दिन की हिरासत में भेज दिया गया था. लेकिन ईडी की कस्टडी के दौरान उनकी तबियत बिगड़ने के बाद कोर्ट ने उन्हें सरकारी एसएसकेएम हॉस्पिटल में भर्ती करने की अनुमति दे दी है. अब उन्हें सोमवार को एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा.
ईडी के वकील ने बताया कि अब तक 14 स्थानों पर तलाशी ली गई है. अर्पिता के घर से बरामद दस्तावेज दो पक्षों के बीच सीधे लिंकिंग और पैसे के आदान-प्रदान को दर्शाते हैं.
ईडी की ये कार्रवाई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच के संदर्भ में की गई है. अर्पिता के घर से बरामद हुई भारी नकदी को जब्त कर ले जाने के लिए आरबीआई ने ट्रक में लोहे के बड़े-बड़े ट्रंक भेजे हैं. अर्पिता और पार्थ अलावा ईडी ने राज्य के शिक्षा मंत्री माणिक भट्टाचार्य, आलोक कुमार सरकार, कल्याण मॉय गांगुली जैसे लोगों के यहां भी छापामार कार्रवाई की है.