बंगाल में सीएम को विश्वविद्यालयों के चांसलर बनाने में अड़चन, विपक्ष जाएगा हाई कोर्ट
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों (विवि) का कुलाधिपति बनाने के लिए सोमवार (13 जून) को बंगाल विधानसभा में जो बिल पारित हुआ था, उसके समर्थन व विरोध में पड़े वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई है। स्पीकर बिमान बनर्जी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। मतविभाजन के बाद हुई वोटों की गिनती में पहले कहा गया कि इस बिल के समर्थन में 182 व विरोध में 40 वोट पड़े हैं। भाजपा ने इसका विरोध किया। इसके बाद रात में विधानसभा की ओर से कहा गया कि समर्थन में 167 जबकि विरोध में 55 वोट पड़े हैं। भाजपा की तरफ से दावा किया गया था कि विधानसभा में मौजूद उसके सभी 55 सदस्यों ने बिल के खिलाफ वोट दिया है, फिर विरोध में 40 वोट कैसे पड़े? दूसरी तरफ तृणमूल की ओर से कहा गया था कि सदन में उसके 182 सदस्य मौजूद थे और सभी ने बिल के समर्थन में वोट किया। रात को जब फिर से इसकी जांच की गई तो पाया गया कि बिल के समर्थन में 167 जबकि विरोध में 55 वोट पड़े। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब सदन में तृणमूल के 182 सदस्य मौजूद थे तो उसके 15 विधायकों के वोट कहां गए? स्पीकर ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि विधानसभा के भीतर भी वोट में गड़बड़ी हुई है,वे लोग इसके खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे।