ममता का आरोप आम लोगों को प्रताड़ित करने के लिए... आइये जानते हैं विस्तार से
केंद्र सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने का बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लगातार दूसरे दिन विरोध किया।
जनता से रिस्ता वेबडेसक | केंद्र सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने का बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लगातार दूसरे दिन विरोध किया। उन्होंने मंगलवार को दार्जिलिंग जिले के कुर्सियांग में आरोप लगाया कि यह कदम आम आदमी को प्रताड़ित करने के लिए उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के कार्यों की वह प्रशंसा करती हैं, लेकिन उनका अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के पीछे के इरादे का वह विरोध करती हैं। इसकी आड़ में लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। दार्जिलिंग व कलिंपोंग जिलों की प्रशासनिक बैठक के दौरान कुर्सियांग में सीएम बनर्जी ने यह बात कही। बंगाल की सीएम ने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की कोई दिक्कत नहीं है।
भाजपा नीत केंद्र सरकार ने बीएसएफ एक्ट में संशोधन कर दिया है। इसके तहत पंजाब, पश्चिम बंगाल व असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के क्षेत्र में बीएसएफ को तलाशी, जब्ती व गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है।
टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने कहा. 'मैं इस बारे में मैं केंद्र को पत्र लिख चुकी हूं। हमारे सीमावर्ती क्षेत्र पूरी तरह से शांत हैं, हमें सुरक्षा बलों की भूमिका नहीं चाहिए।' पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक ने भी इस मामले में बीएसएफ के महानिरीक्षक से बात की है। बनर्जी ने सोमवार को सिलीगुड़ी में भी बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि देश के संघीय ढांचे से छेड़छाड़ का प्रयास किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैें पहाड़ी नेताओं से आग्रह करती हूं कि वे पहाड़ी क्षेत्रों के 'स्थाई राजनीतिक समाधान' (PPS) के लिए अंतिम योजना बनाएं। इसके बाद ही राज्य में पंचायत चुनाव व गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के चुनाव कराए जाएंगे। सीएम ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि पहाड़ों पर बाहरी लोग समस्याएं पैदा कर रहे हैं, न कि वहां रहने वाले स्थानीय लोग।