अनुब्रत मंडल की गैरमौजूदगी में ममता बीरभूम में पार्टी मामलों की निगरानी करेंगी
कोलकाता, (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की गैरमौजूदगी में अब सीधे तौर पर उस जिले में पार्टी के संगठनात्मक मामलों की देखरेख करेंगी। मंडल इस समय करोड़ों रुपये की पशु तस्करी के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं। ममता ने सोमवार को दोपहर में पार्टी की जिला कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, "अनुब्रत मंडल की अनुपस्थिति से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। जिले में सभी को आगामी पंचायत चुनावों के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से बीरभूम में जिला संगठन मामलों की देखरेख करूंगी।"
हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा कि जिले के नेताओं की अपेक्षा के विपरीत, उन्होंने मंडल के सलाखों के पीछे होने की घटना के बारे में कुछ नहीं कहा।
पूरे बीरभूम जिले को अलग-अलग स्तरों के पार्टी नेताओं की तस्वीरों वाले तोरणों और तख्तियों से पाट दिया गया है, लेकिन मंडल की एक भी तस्वीर नहीं देखी गई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पार्टी नेतृत्व ने खुद को उनसे दूर करना शुरू कर दिया है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बीरभूम में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने मंडल के बारे में कोई चर्चा नहीं की, मगर उनकी बेटी सुकन्या मंडल के बारे में उन्होंने पूछताछ जरूर की।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जहां तृणमूल को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ कार्रवाई करने में केवल सात दिन लगे, वहीं मंडल से खुद को दूर करने की प्रक्रिया शुरू करने में पार्टी नेतृत्व को सात महीने लग गए। उन्होंने दावा किया, "उस घोटाले में मंडल की वित्तीय संलिप्तता थी, शायद इसीलिए इस तरह की प्रक्रिया में देरी हुई।"
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