जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है। इस साल सबसे ज्यादा डेंगू के मामले जलपाईगुड़ी जिले में दर्ज किए गए हैं। डेंगू के अलावा मलेरिया और स्क्रब टायफस के मामले सामने आए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि डेंगू की परिस्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। डेंगू के मामलों को लेकर मंगलवार को सिलीगुड़ी के निकट राज्य के शाखा सचिवालय उत्तर कन्या में एक स्वास्थ्य विषयक बैठक की गई। उक्त बैठक में उत्तर बंगाल में जन-स्वास्थ्य मामलों को देखने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी डा सुशांत कुमार राय समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जलपाईगुड़ी जिले में इस वर्ष एक जून तक डेंगू के 311 मामले सामने आए हैं। जबकि 77 मामलों के साथ मालदा जिला दूसरे नंबर पर है।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातें करते हुए ओएसडी डा राय ने कहा कि जिले में डेंगू के और प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं। निगरानी बढ़ाई गई है। जिससे मामलों में कमी आइ है।
डा राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन, नगर निकायों, ग्राम पंचायतों से आवश्यक कदम उठाने और पिछले वर्षो के मामलों के आकड़ों के अनुसार पहचाने गए कम या उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की निगरानी करने का अनुरोध किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के सर्वेक्षण में 2500 से अधिक बास के खंभे पाए गए जिसके गुफाओं में पानी भरा था। डेंगू के मच्छरों का यह प्रजनन स्थल बन जाता है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में अभी डेंगू के 38 मरीजों का इलाज चल रहा है। इतने ही रक्त के नमूनों की जाच के साथ कुल 778 बुखार के मामले पाए गए। अधिकारियों ने कहा कि अलीपुरद्वार जिले में एक जून तक डेंगू के 15 मामले दर्ज किए गए हैं। कूचबिहार जिले में 12 मामले, कलिंपोंग जिले में 10 मामले, दार्जिलिंग जिले में 12 मामले, उत्तर दिनाजपुर जिले में 22 मामले और दक्षिण दिनाजपुर जिले में 21 मामले दर्ज किए गए। एनबीएमसीएच सीसीयू ब्लाक
ओएसडी डा राय ने कहा कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अलग से 100 बेडों वाला क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लाक बनाया जा रहा है। पहले यहां 50 बेड की क्षमता तय हुई थी। अब इसे सौ बेड कर दिया गया है। एनबीएमसीएच के अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 मामलों में गिरावट के कारण कोविड के लिए तैयार बेडों को गैर-कोविड रोगियों के उपयोग में लाया जा रहा है। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकस
कोलकाता में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते उत्तर बंगाल की परिस्थति के बारे में ओएसडी डा राय का कहना है कि परिस्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। यहां पर पाजिटिविटी रेट 0.5 है। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। कोविड-19 प्रोटोकाल पर पहले का ही गाइड लाइन जारी है। लोगों को कोविड-19 प्रोटोकाल को मानकर ही चलना होगा। कोरोना वायरस के महामारी से बचने के लिए विशेष सावधानियां बरतनी होगी। मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह कोविड-19 से संक्रमित एक महिला ने एनबीएमसीएच में बच्चे को जन्म दी थी।