भाजपा कार्यकर्ता की मौत के मामले में अब परिजनों ने CBI के खिलाफ ही हाईकोर्ट में किया केस, जानें पूरा मामला

कोलकाता के बेलियाघाटा में BJP कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या की जांच कर रही.

Update: 2022-02-21 07:37 GMT

कोलकाता के बेलियाघाटा में BJP कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या की जांच कर रही, सीबीआई (CBI) पर ही अब उनके परिजनों ने कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में मामला दायर किया है. चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए अभिजीत सरकार के दादा बिस्वजीत सरकार ने सीबीआई के खिलाफ हाई कोर्ट में केस दर्ज कराया है. उनकी शिकायत है कि पुलिस चार्जशीट टीएमसी विधायक परेश पॉल, एमआईसी स्वपन समाद्दार का नाम हैं, लेकिन उनका नाम सीबीआई की चार्जशीट में क्यों नहीं है? उन्हें क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में कोलकाता के सिताला ताला लेन निवासी बीजेपी नेता अभिजीत सरकार की मौत हो गई थी. सीबीआई ने हाल में दो आरोपियों राहुल दे और सौरव दे को गिरफ्तार की है. दोनों आरोपी एक मामले में 12 भगोड़ों में शामिल थे, जिसमें पुलिस ने चुनाव से संबंधित हिंसा के 20 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था.

19 अगस्त, 2021 को, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर, कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई इसके पहले अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में लापता आरोपी व्यक्तियों की जानकारी देने वाले को 50,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी.
दो मई को अभिजीत सरकार की कर दी गई थी हत्या
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के दिन यानी 2 मई को उसकी हत्या कर दी गयी थी, लेकिन सीबीआई अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. सरकार के परिवार ने लगातार आरोप लगाया था कि कोलकाता पुलिस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है और हत्या के लिए जिम्मेदार 'तृणमूल गुंडों' को गिरफ्तार नहीं कर रही है, जो न केवल खुला घूम रहे हैं, बल्कि परिवार के सदस्यों को धमकी भी दे रहे हैं. पीड़िता के बड़े भाई बिस्वजीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में सरकार की मौत की जांच के लिए याचिकाएं दायर की हैं. सरकार की कथित तौर पर एक टेलीविजन केबल से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. वह एकमात्र बीजेपी कार्यकर्ता थे, जिनकी राज्य की राजधानी में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मौत हो गई थी.
हिंसा के कई मामलों में सीबीआई ने दायर की है कई चार्जशीट
सीबीआई के अनुसार, मामले में आरोपी व्यक्ति कोलकाता के रहने वाले अमित दास उर्फ केटो, कोलकाता के सीतालताला लेन के रहने वाले तुंपा दास उर्फ काली, अरूप दास उर्फ बापी, संजय बारिक और पापिया बारिक हैं.हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की कोई घटना नहीं हुई थी, लेकिन एनएचआरसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद बलात्कार और हत्या के कई मामले सामने आए.
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