हाईकोर्ट ने CBI को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से पूछताछ करने के दिए निर्देश

कलकत्ता उच्च न्यायलय में मंगलवार को 11वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुनवाई हुई

Update: 2022-05-17 16:36 GMT

कलकत्ता उच्च न्यायलय में मंगलवार को 11वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने CBI को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से उनकी बेटी से पूछताछ करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी को कैबिनेट से हटाने का आग्रह किया है।

याचिकाकर्ता का दावा भर्ती परीक्षा में मंत्री के बेटी से ज्यादा अंक मिले
शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से उनकी बेटी की कथित तौर पर राज्य के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि, भर्ती परीक्षा में मंत्री की बेटी से अधिक अंक हासिल करने के बावजूद उसे नौकरी से वंचित कर दिया गया था।
याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस शमीम ने दावा किया कि उम्मीदवार ने भर्ती परीक्षा में 77 अंक हासिल किए थे, जबकि मंत्री की बेटी को केवल 61 अंक मिले थे। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि आरोपों को लेकर पूछताछ के लिए मंगलवार शाम तक परेश अधिकारी सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश हों।
पहले भी चार बार दिया जा चुका है CBI जांच का आदेश
इससे पहले भी हाईकोर्ट ने चार मौकों पर राज्य सरकार के और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के संबंध में CBI जांच का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को भी एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद एक खंडपीठ ने अपीलों के बाद इन आदेशों पर रोक लगा दी थी।
पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनी थी समिति
शिक्षक भर्ती मामले में अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च न्यायालय द्वारा समिति बनाई गई थी । इस समिति ने 13 मई को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि, राज्य सरकार के और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप सी के 381पदों पर हुई नियुक्ति अवैध थी। इस समिति ने जांच के बाद पांच व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही करने की सिफारिश भी की थी।


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