कोलकाता (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है, क्योंकि विस्फोट में घायल लोगों में से कुछ की हालत बेहद गंभीर है।
पुलिस दावा कर रही है कि रिपोर्ट दर्ज होने तक मरने वालों की संख्या सात थी, लेकिन स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने कम से कम 12 शवों को एम्बुलेंस में ले जाते और दुर्घटनास्थल से निकालते देखा है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, विस्फोट रविवार सुबह करीब 9.30 बजे हुआ। विस्फोट इतना जोरदार था कि उस गोदाम की छत पूरी तरह उड़ गई जहां अवैध रूप से पटाखों का कच्चा माल रखा हुआ था। मरने वालों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।
विस्फोटों के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और उन्होंने आरोप लगाया कि पटाखा गोदाम स्थानीय पुलिस के सक्रिय समर्थन से काफी समय से अवैध रूप से चल रहा था। स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि गोदाम के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए बार-बार की गई शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
कुछ स्थानीय लोगों ने गोदाम मालिक के घर पर हमला करने का भी प्रयास किया। पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी के वहां पहुंचने के बाद, स्थानीय लोगों ने यह स्पष्टीकरण मांगते हुए विरोध करना शुरू कर दिया कि पुलिस इतने लंबे समय तक चुप क्यों थी। इस पर पुलिस और प्रदर्शनकारी जनता के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
यह घटनाक्रम इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पहले पूर्वी मिदनापुर और फिर दक्षिण 24 परगना जिले में अवैध पटाखा कारखानों में एक जैसे लगातार दो विस्फोटों से भी पुलिस की आंखें नहीं खुलीं।
इस साल 16 मई को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए इसी तरह के विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोट में मारे गए लोगों में फैक्ट्री के मालिक भानु बाग भी शामिल था।
फिर 21 मई को दक्षिण 24 परगना जिले के बज बज में भी ऐसा ही धमाका हुआ था। हालांकि विस्फोट में किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना से पता चला कि कैसे पूरा बज बज क्षेत्र अवैध पटाखा कारखानों और गोदामों का केंद्र बन गया था।