अधिकारी से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया, 'हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है. हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाई हैं, ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है.' उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी. अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया असहयोगात्मक है. Also Read - पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: मुश्किलों में घिरे पार्थ चटर्जी, तो क्या अब दीदी भी छोड़ देंगी अपने मंत्री का साथ, जानिए
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह 'ग' और 'घ' वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है. वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन के कोण से जांच कर रहा है. उल्लेखनीय है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे
अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद डायरियां उगल सकती हैं गहरे राज
अर्पिता मुखर्जी के आवास से बरामद एक ब्लैक एग्जीक्यूटिव डायरी और एक पॉकेट डायरी में कोड एंट्री कई राज से पर्दा हटा सकती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने कहा कि इन दोनों डायरियों में कई कोड एंट्री हैं, जो पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितता घोटाले से प्राप्त आय के स्रोतों से संबंधित हो सकती हैं. ईडी का दावा है कि मोटी रकम लेकर शिक्षकों की भर्ती की गई थी. डायरी में कोड के जरिए हुई एंट्री घोटाले की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ व्यक्तियों को भुगतान करने से संबंधित हो सकती हैं.
डायरी की डीकोडिंग शुरू
ईडी सूत्रों के मुताबिक, इन डायरियों में लिखे कोड को डिकोड करने का काम एक्सपर्ट्स की मदद से शुरू हो गया है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हमारा लक्ष्य 3 अगस्त से पहले एंट्री को डिकोड करना है, ताकि हम हिरासत अवधि के दौरान ही पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ कर सकें. हालांकि, ईडी के सूत्रों ने कहा कि कुछ कोड एंट्री की लिखावट पार्थ चटर्जी या अर्पिता मुखर्जी से मेल नहीं खाती है, जिससे साफ है कि इस खेल में कोई तीसरा व्यक्ति भी शामिल है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के मोबाइल फोन के कॉल हिस्ट्री की जांच की गई तो एक ऐसा नंबर प्राप्त हुआ, जिसपर नियमित रुप से कॉल की जा रही थी. ईडी अधिकारी ने कहा, हम अभी किसी भी विवरण का खुलासा करने में सक्षम नहीं हैं लेकिन इस नंबर के साथ बातचीत से हमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं.
अर्पिता के एक फर्म का पता फर्जी होने का दावा
करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती में अनियमितताओं के घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शिकायत मिली है कि जिन कंपनियों में दो निदेशकों में से एक की निदेशक अर्पिता मुखर्जी हैं, उनमें से एक का पंजीकृत पता फर्जी है. विचाराधीन पता एची एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड है, जिसका पंजीकृत पता 95, राजदंगा मेन रोड, एलपी-107/439/78, कोलकाता – पश्चिम बंगाल 700107 है, जो केंद्रीय कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय के तहत कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार है. बुधवार दोपहर, जब ईडी के अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ, उपरोक्त पते पर पहुंचे, तो एक स्थानीय निवासी ने उनसे वैध दस्तावेजों के साथ संपर्क किया, जिससे पता चला कि फ्लैट उनके छोटे भाई की केबल टेलीविजन कंपनी के नाम पर पंजीकृत है.
विधायक माणिक भट्टाचार्य से पूछताछ कर रही ईडी
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी इस मामले में पूछताछ हुई. भट्टाचार्य बुधवार सुबह यहां ईडी कार्यालय में पेश हुए. शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व प्रमुख एवं नादिया जिले के पालाशीपाड़ा से विधायक भट्टाचार्य को तलब किया गया है. सूत्रों ने बताया कि भट्टाचार्य को ईडी के सॉल्ट लेक में सीजीओ परिसर स्थित कार्यालय में दोपहर 12 बजे पहुंचने को कहा गया था, लेकिन वह सुबह 10 बजे ही वहां पहुंच गए. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 22 जुलाई को भट्टाचार्य के आवासीय परिसर की तलाशी ली थी और उन्हें एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था.सोर्स india.com