पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा समिति ने रूस और यूक्रेन की दो महिला नागरिकों को अपनी उप-समिति का बनाया सदस्य

पश्चिम बंगाल की एक दुर्गा पूजा समिति ने राज्य के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के माध्यम से वैश्विक भाईचारे संदेश देने के लक्ष्य से भीषण युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन की दो महिला नागरिकों को अपनी उप-समिति का सदस्य बनाया है।

Update: 2022-05-06 15:50 GMT

पश्चिम बंगाल की एक दुर्गा पूजा समिति ने राज्य के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के माध्यम से वैश्विक भाईचारे संदेश देने के लक्ष्य से भीषण युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन की दो महिला नागरिकों को अपनी उप-समिति का सदस्य बनाया है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा उत्सव को यूनेस्को के विरासत का दर्जा प्राप्त है।
अंतरराष्ट्रीय टीम के सदस्य के रूप में 2014 और 2017 में कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव में भाग ले चुकी रूस की लमन रसुलोवा और यूक्रेन की ओल्गा अब हावड़ा जिले के क्लब 'सल्किया शांति संघ' की टीम का हिस्सा हैं। यह क्लब पिछल 50 साल से दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन कर रहा है।
पूजा समिति के संयुक्त सचिव देबारुन चटर्जी ने कहा, ''रसुलोवा और ओल्गा दोनों ही सामाजिक कार्यकता हैं। उन्हें पूजा का भाव और उत्सव का रंग दोनों ही भा गया है। उन्होंने उप-समिति का मानद सदस्य बनने और पूजा की साज-सज्जा से जुड़ी विषयों की निगरानी करने की सहमति दी है।''
चटर्जी ने पीटीआई/भाषा को बताया कि वे पहले भी शहर की यात्रा कर चुकी हैं। उन्होंने बताया, ''उन्हें पूरी प्रक्रिया का ज्ञान है, कुछ महीने पहले शुरू हो चुकी तैयारियों से लेकर विसर्जन तक। उन्हें जीवन में सभी के नश्वर होने का सिद्धांत पसंद है। ओल्गा ईसाई हैं लेकिन यूक्रेन में युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए संचालित उनके शिविर में मां दुर्गा की तस्वीर है।''
एक सवाल पर चटर्जी ने कहा कि दोनों मानद सदस्य सुरक्षा कारणों से यूक्रेन और रूस में अपने निवास संबंधी सूचना सार्वजनिक नहीं करना चाहती हैं।
करीब छह दशक पुरानी (59 साल) पूजा समिति की योजना पूजा को लेकर रसुलोवा और ओल्गा के साथ ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन करने और बाद में उसे फेसबुक पर पोस्ट करने की है।


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