DYFI के सदस्यों की संख्या में गिरावट, जानें वजह और इसके बारें में

2021 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद सीपीआईएम अपने युवा चेहरों के माध्यम से पश्चिम बंगाल की राजनीति में वापसी करने की कोशिश कर रही है.

Update: 2022-05-12 10:22 GMT

2021 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद सीपीआईएम अपने युवा चेहरों के माध्यम से पश्चिम बंगाल की राजनीति में वापसी करने की कोशिश कर रही है. इसके तहत पश्चिम बंगाल के साल्ट लेक में बुधवार को डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) का अखिल भारतीय सम्मेलन शुरू हुआ. सम्मेलन से पहले DYFI ने राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए. इनमें फुटबॉल, मैंग्रोव वृक्षारोपण और साइकिल रैलियों का आयोजन शामिल हैं. DYFI का 11वां अखिल भारतीय सम्मेलन 12-15 मई को साल्ट लेक के EZCC परिसर में आयोजित किया जा रहा है. इसे 'डिएगो माराडोना सिटी' के रूप में भी जाना जाता है. डीवाईएफआई की राज्य इकाई ने सम्मेलन से पहले एक मिक्स जेंडर फुटबॉल मैच का भी आयोजन किया. इस मैच में पुरुष और महिला दोनों खिलाड़ियों ने भाग लिया और मैच के रेफरी ट्रांसजेंडर समुदाय के थे.

हावड़ा कदमतला से कोलकाता में डीवाईएफआई के कार्यालय दिनेश मजूमदार भवन तक एक मैराथन का भी आयोजन किया गया, जिसमें दो महिलाओं सहित 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया. मैराथन का उद्घाटन करते हुए, राज्य डीवाईएफआई अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा, 'यह आयोजन सद्भाव बनाने के लिए है, क्योंकि भारत के वर्तमान राजनीतिक माहौल में एकता खतरे में है.' इसके अलावा सात मई को रक्तदान शिविर के साथ शुरू हुए बिजॉयगढ़ में दो दिवसीय कार्निवल का आयोजन किया गया था. इस दौरान कई फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. कार्निवाल का उद्घाटन अभिनेता सब्यसाची चक्रवर्ती ने किया.
DYFI के सदस्यों की संख्या में गिरावट
बता दें कि 1977 से 2011 तक राज्य में वामपंथी शासन के दौरान, DYFI धीरे-धीरे CPIM का सबसे बड़ा जन संगठन बन गया था. यह मूल रूप से जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ था, लेकिन 2011 में मिली चुनावी हार के बाद डीवाईएफआई धीरे-धीरे कमजोर होता गया. पार्टी अब इसे मजबूत करने की कोशिश कर रही है.


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