CM ममता को राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का विधेयक पारित, 40 विपक्षी सदस्यों ने किया इसका विरोध

Update: 2022-06-14 04:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को राज्यपाल के स्थान पर 17 राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के मुख्यमंत्री को चांसलर बनाने की मांग करते हुए एक विधेयक पारित किया। 182 विधायकों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 40 विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया। विधेयक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के स्थान पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक को भाजपा विधायकों के भारी विरोध के बीच पारित किया गया।

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2022 को सदन में पेश करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने में ''कुछ भी गलत नहीं'' है। उन्होंने सवाल किया, ''अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वभारती के कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं तो मुख्यमंत्री राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति क्यों नहीं हो सकती? आप पंछी आयोग की सिफारिशों का अवलोकन कर सकते हैं।''बसु ने आरोप लगाते हुए कहा, ''राज्यपाल, मौजूदा कुलाधिपति हैं जिन्होंने कई मौकों पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।'' इस विधेयक को 294 सदस्यीय सदन में 40 मतों के मुकाबले 182 सदस्यों के समर्थन से पारित किया गया। भाजपा ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति नियुक्त किए जाने से राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में ''प्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप'' हो सकता है।

सोर्स-LIVEHINDUSTAN

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