बंगाल: पंचायत चुनाव से पहले BJP ने कसी कमर; कार्यकर्ता घर-घर पहुंच रहे या नहीं
भाजपा 2023 के पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में अपनी जिला इकाइयों के लिए मोबाइल ऐप विकसित कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कुछ दिनों पहले कोलकाता में बंद कमरे में बैठक में नेताओं को इसकी जानकारी दी थी। इस मामले के जानकार नेताओं ने बताया कि ऐप में जीपीएस का इस्तेमाल करने की संभावना है, जिससे स्मार्टफोन का उपयोग अनिवार्य हो जाएगा। हालांकि भाजपा सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया ऐप और गूगल मैप लोकेशन का इस्तेमाल करती रही है, लेकिन यह पहली बार है जब बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं के लिए विशेष ऐप विकसित किया जा रहा है। ऐसा ही ऐप पहले उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल किया गया था।
नड्डा के बंगाल दौरे के दूसरे दिन सभी 22 जिलों के मंडल अध्यक्षों के लिए 9 जून की बैठक आयोजित की गई थी, जिस दौरान उन्होंने और राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष ने संगठनात्मक कमजोरियों को संबोधित किया। बैठक में मौजूद नेताओं ने एचटी को बताया कि नड्डा ने कहा कि ऐप का इस्तेमाल दैनिक आधार पर निगरानी के लिए किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि कार्यकर्ताओं की ओर से कितने घरों का दौरा किया जा रहा है। मीटिंग में नड्डा ने कार्यकर्ताओं को अपना दिन जल्दी शुरू करने के लिए भी कहा।
ऐप में नेताओं को देनी होंगी जानकारियां
एक जिला नेता ने बताया, "नड्डा ने कहा कि कार्यकर्ताओं और नेताओं को ऐप में जानकारियां देनी होंगी, जिसमें उन्होंने क्या किया और कितने मतदाताओं के साथ बातचीत की, इसका ब्योरा देना होगा।" बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय मौजूद थे। 2021 के चुनावों के बाद अपनी पहली बंगाल यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 6 मई को राज्य के नेताओं से कहा कि वे बिना देर किए सड़कों पर उतरें और सभी यूनिट्स को मतदान केंद्रों तक तैयार करें।
बंगाल में करीब 80,000 मतदान केंद्र
शाह के निर्देशों के बाद, बूथ सशक्तिकरण अभियान नाम का बूथ-स्तरीय कार्यक्रम 25 मई को प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की ओर से शुरू किया गया। दक्षिण बंगाल के एक नेता ने कहा, "नड्डा जी ने कहा है कि सभी विधायकों और सांसदों को घर-घर जाकर लोगों से मिलना चाहिए और सशक्तिकरण अभियान समितियों की निगरानी करनी चाहिए, जिनमें से प्रत्येक में 30-40 कार्यकर्ता शामिल होंगे।"