विद्युत शवदाह गृह का कार्य साल के अंत तक होगा पूरा

Update: 2022-09-18 08:28 GMT

हल्द्वानी न्यूज़: हल्द्वानी में विद्युत शवदाह के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। रानीबाग में शवदाह गृह निर्माण के लिए 2 करोड़ 71 लाख की राशि शासन से स्वीकृत हो चुकी है। जल्द ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी तथा दिसंबर तक निर्माण के पूर्ण होने की उम्मीद है। हल्द्वानी के रानीबाग में विद्युत शवदाह गृह निर्माण की मांग बीते कई सालों से की जा रही थी। लेकिन धनराशि नहीं मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था। नगर निगम ने वर्ष 2020 में विद्युत शवदाह गृह के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसके निर्माण में 2 करोड़ 71 लाख के खर्च आएगा। इसके निर्माण के लिए दिल्ली की एजेंसी से संपर्क हो चुका है। निर्माण एजेंसी भारत सरकार की अधिकृत एजेंसी है जो कि विद्युत शवदाह गृह की विशेषज्ञ एजेंसी है। यहां बता दें कि हाई कोर्ट नैनीताल ने भी विद्युत शवदाह गृह के निर्माण का आदेश दिया था।

एक इलैक्ट्रिक भट्टी का होगा निर्माण: हल्द्वानी। नगर निगम के अभियंता नमन नौटियाल बताते हैं कि चित्रशिला घाट पर विद्युत शवदाह के लिए फिलहाल एक भट्टी का निर्माण किया जाना है। जिसमें एक समय में एक शव का अंतिम संस्कार हो सकेगा। दिनभर में पांच से सात शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इसे इलैक्ट्रिक कम गैस भट्टी के तौर पर बनाया जा रहा है। ताकि बिजली के अभाव में गैस का भी प्रयोग किया जा सकता है।

पारंपरिक तरीकों का भी विकल्प: विद्युत शवदाह के साथ साथ पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार का विकल्प भी रहेगा। नगर निगम की घाट में तीन इंप्रूव वुड पैनल तथा दो पारंपरिक पैनल भी तैयार करने की योजना है। इंप्रूव वुड पैनल में कम लकड़ियों में शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। जबकि पारंपरिक पैनल में पुराने तौर तरीके से ज्यादा लकड़ियों में शवों का अंतिम संस्कार करने की सुविधा मौजूद रहेगी। नगर निगम के अभियंता ने बताया कि इलैक्ट्रिक भट्टी में शवदाह की बाध्यता नहीं होगी। लेकिन प्रदूषण के लिहाज से लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा सकता है।

प्रदूषण से मिलेगी निजात: विद्युत शवदाह गृह बनने के बाद वायु व जल प्रदूषण से निजात मिल सकेगी। चित्रशिला घाट में पारंपरिक तौर तरीकों से अंतिम संस्कार करने से बहुत अधिक मात्रा में वायु व जल प्रदूषण होता है। एक अनुमान के मुताबिक लगभग आधा दर्जन शव चित्रशिला घाट में अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। अधजले शव व अधजली लकड़ियां नदी में डालने से लोगों को प्रदूषण की समस्या से जूझना पड़ता है। इलैक्ट्रिक शवदाह गृह बनने से लोगों को प्रदूषण की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है। चित्रशिला घाट में विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की प्रक्रिया बीते दो साल से चल रही थी। 2.71 करोड़ की लागत का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन था। धनराशि स्वीकृत नहीं होने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। निर्माण एजेंसी से संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही निर्माण शुरू होगा तथा दिसंबर माह तक निर्माण पूर्ण होने की उम्मीद है।

– नमन नौटियाल, अभियंता, नगर निगम

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