ऋषिकेश न्यूज़: उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में 18 साल बाद वेद, इतिहास सहित चार नए विषयों में पीएचडी शुरू हुई है. छात्र-छात्राएं वेद, इतिहास, पर्यावरण विज्ञान और अंग्रेजी में पीएचडी के लिए 29 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एक भी स्थाई शिक्षक न होने के कारण छात्र-छात्राएं पत्रकारिता में पीएचडी नहीं कर पाएंगे.
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में 2014 में संस्कृत साहित्य, व्याकरण, ज्योतिष, शिक्षा शास्त्रत्त्, भाषा एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान आदि विषयों में पीएचडी शुरू कराई गई थी. 2014 के बाद से विश्वविद्यालय में संचालित वेद, पर्यावरण, अंग्रेजी, इतिहास आदि विषयों में पीएचडी शुरू कराने को लेकर छात्र-छात्राएं मांग कर रहे थे. कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्रत्त्ी ने वेद, इतिहास, पर्यावरण और अंग्रेजी आदि विषयों में भी पीएचडी शुरू कराने का निर्णय लिया है. कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से वेद, इतिहास, पर्यावरण और अंग्रेजी विषयों में पीएचडी के लिए 29 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. इन विषयों में पीएचडी करने के लिए चार-चार सीटें निर्धारित की गई है. पर्यावरण विज्ञान में पीएचडी की तीन सीटें निर्धारित की गई है.
वेद जैसे विषय में ही पीएचडी से वंचित रहे थे छात्र
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से 18 साल बाद वेद में पीएचडी शुरू कराई गई है. संस्कृत विश्वविद्यालय में वेद जैसे विषयों में पीएचडी शुरू न होने से छात्र-छात्राएं बीते 18 सालों से वेद जैसे विषय में पीएचडी करने से वंचित रह जा रहे थे. विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्रत्त्ी ने प्राच्य विद्या के वेद और इतिहास में पीएचडी के साथ ही आधुनिक विषय पर्यावरण विज्ञान और अंग्रेजी में पीएचडी शुरू कराए जाने को लेकर प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाए हैं.
शिक्षक संघ ने किया स्वागत
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में चार विषयों में पीएचडी शुरू कराने के विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय का शिक्षक संघ ने स्वागत किया है. विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज किशोर पंत ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय में बहुत पहले ही वेद जैसे विषयों में पीएचडी शुरू हो जानी चाहिए थी. लेकिन पूर्व में इसे लेकर गंभीरता से कार्य नहीं किया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इन चार विषयों में पीएचडी शुरू कराने के निर्णय का शिक्षक संघ और छात्रों ने स्वागत किया है.