जल प्रदूषण एक बड़ा पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्दा: डॉ घनश्याम

Update: 2022-12-17 10:36 GMT

रुड़की: पूरे विश्व के लिए जल प्रदूषण एक बड़ा पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्धा है। यह अपने चरम बिन्दु पर पहुँच चुका है उक्त विचार नेशनल कन्या इण्टर कालेज, खानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा स्पर्श गंगा दिवस के उपलक्ष में आयोजित एक दिवसीय शिविर के उद्घाटन अवसर पर स्वयंसेवियों को सम्बोधित करते हुये प्रधानाचार्य डॉ0 घनश्याम गुप्ता ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जल प्रदूषण एवं पीने लायक पानी, जल की घटती मात्रा दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुका है। कार्यक्रम अधिकारी सुलता देवी सिकदार ने कहा कि नदियों का पानी प्रदूषित हो चुका है। इन नदियों को हमारी संस्कृति में हमेशा पवित्र स्थान दिया जाता रहा है। सहायक कार्यक्रम अधिकारी नूतन ने कहा कि आमतौर पर गंगाजल को देवी-देवताओं को अर्पण करते हैं।

हमें नदियों के जल को शुद्ध रखने के प्रति सचेत रहना चाहिये। इस अवसर पर आयोजित स्पर्श गंगा रैली को प्रधानाचार्य डॉ0 गुप्ता ने नमामि गगें झंडी दिखाकर रवाना किया। स्वंयसेवियों ने माडाबेला स्थित बांण गंगा वेटलेण्ड का भ्रमण कर स्वच्छता अभियान चलाया। जन समुदाय को नदियों के प्रति प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सचेत किया।

कैम्प कमाण्डर वसुन्धरा के निर्देशन में मानसी, दिव्या, काजल, प्राची, बिन्दिया, पायल, लक्ष्मी, अन्नू, अंजू, ऑचल, निशा, स्वाति, खुशबू, मोनी, साक्षी, वैशाली, अनुषा, पायल, मीना, राधिका ने विशेष कार्य किया। वन्दना, प्रॉची, शिवानी, आरती, वंशिका, मानसी, मीनाक्षी, सरिता, रौनक द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

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