उत्तराखंड: कैलाश यात्रा से लौट रहे यात्री 36 घंटे फंसे रहे, सरकार ने हेलीकॉप्टर से 40 को बचाया
कैलाश यात्रा से लौट रहे यात्री 36 घंटे फंसे रहे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए 40 यात्री उत्तराखंड में फंसे हुए थे, जिन्हें सरकार ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। यह सभी 40 यात्री 36 घंटे तक फंसे हुए थे। उत्तराखंड में भी लगातार बारिश हो रही है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। कैलाश मानसरोवर यात्रा से यात्री लौट रहे थे और इसी दौरान वह उत्तराखंड के बूंदी में फंस गए थे।
पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से यात्रियों को रेस्क्यू किया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए 8 बार हेलीकॉप्टर को उड़ान भरनी पड़ी। यात्रियों को रेस्क्यू कर धारचूला मुख्यालय पहुंचाया गया, जिसके बाद तीर्थ यात्रियों को वाहनों से उनके गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया गया। रेस्क्यू किए जाने के बाद सभी यात्रियों ने जिला प्रशासन और सरकार के प्रति आभार जताया।
धारचूला के एसडीएम ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, "उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भारी बोल्डर गिर गए थे, जिसकी वजह से सड़क बंद हो गई थी। यात्रा पर गए यात्रियों के लौटने के दौरान यात्रियों का एक दल बूंदी में फंस गया और करीब 36 घंटे तक फंसा रहा। हेलीकॉप्टर से फंसे हुए यात्रियों को रेस्क्यू कर धारचूला पहुंचाया गया।"
बता दें कि उत्तराखंड का मौसम काफी खराब है और बारिश के कारण कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुई है। रुद्रप्रयाग में बद्रीनाथ ऋषिकेश हाईवे भी बंद है। उत्तराखंड के कई रास्ते ब्लॉक है और मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार को भी उत्तराखंड में भारी बारिश हो सकती है। इसलिए लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।
बता दें कि इसके पहले 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने के कारण 17 तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे। प्रशासन ने करीब 3 दिनों तक राहत और बचाव का कार्य चलाए रखा था। 11 जुलाई से अमरनाथ यात्रा फिर से प्रारंभ हुई थी। अमरनाथ यात्रा के दौरान सैकड़ों यात्रियों को सेना ने रेस्क्यू किया था और काफी मशक्कत के बाद फिर से अमरनाथ यात्रा शुरू हो पाई।