उत्तराखंड: अब सहकारिता विभाग किसानों से नहीं करेगा गेहूं व धान की खरीद, पढ़िए पूरी खबर
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रुद्रपुर। सहकारिता विभाग अब तौल केंद्र बनाकर किसानों से गेहूं और धान नहीं खरीदेगा। सहकारिता मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड कोऑपरेटिव फेडरेशन (यूसीएफ) की ओर से ही धान और गेहूं खरीद की जाएगी। साथ ही घाटे में चल रही जिले की पांच सहकारी बैंक शाखाओं में डीजीएम के निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं। यह भी कहा कि यदि इन बैंक शाखाओं के उबरने की संभावना नजर नहीं आती है तो इनके स्टाफ और प्रबंधकों को दूसरी शाखाओं में शिफ्ट कर दिया जाए।
कलक्ट्रेट के एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को सहकारिता विभाग और जिला सहकारी बैंकों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि एक करोड़ से ज्यादा का ऋण शासन की अनुमति के बिना नहीं दिया जाएगा। उन्होंने वर्ष 2025 तक जिला सहकारी बैंक को जिले का लीड बैंक बनाने के लिए काम करने के लिए कहा। इसके लिए पांच लाख लोगों के खाते खुलवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बैंक में एनपीए पांच प्रतिशत से नीचे होना चाहिए। 50 हजार किसानों को लोन देने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने जीरो प्रतिशत ब्याज में जिले में 200 करोड़ रुपये का ऋण बांटने के लिए भी कहा। यह भी निर्देश दिए कि जिले की 35 समितियों के कार्यालय से इफको का लोगो हटा दें। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याणी योजना से दो रुपये में एक किलो घास घर तक पहुंचाई जाएगी। बैठक में डीएम युगल किशोर पंत, एआर कोऑपरेटिव तुलसी बुदियाल, जिला सहकारी बैंक के डीजीएम राम यज्ञ तिवारी, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आदि थे।
सहकारी बैंक का डूबा आठ करोड़
रुद्रपुर। सहकारी बैंक की समीक्षा बैठक में सामने आया कि जिले के कई किसानों ने समितियों के माध्यम से आठ करोड़ रुपये फसल ऋण लिया था जो कि वापस नहीं आया। इस कारण बैंक का आठ करोड़ रुपये एनपीए हो गया है। संवाद
बैंकों में रिक्त पदों पर होगी नियुक्ति
रुद्रपुर। इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) के माध्यम से सहकारी बैंक के रिक्त पदों में नियुक्ति की जाएगी। डीजीएम ने कहा कि 106 क्लर्कों में से 79 क्लर्क ही बैंक में हैं। बाकी अन्य पदों पर जल्द भर्ती निकाली जाएगी। संवाद
समितियों में तैनात होंगे सीईओ
रुद्रपुर। सहकारिता विभाग की नई नियमावली में सचिवों को नहीं रखा जाएगा। इसमें उनका पद चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर पोस्ट यानी सीईओ का होगा। इनका वेतन 15 हजार रुपये से शुरू होगा। काम के हिसाब से भी इंसेंटिव दिया जाएगा। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह ने कहा कि अब जुगाड़ के माध्यम से नहीं बल्कि नियुक्ति के आधार पर सीईओ रखे जाएंगे। संवाद