उत्तराखंड: जिले के घाट ब्लॉक स्थित लुणतरा गांव के मोहन सिंह बिष्ट ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत के बलबूते पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। चमोली जिले के मोहन सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंट कमांडेट बनकर समूचे इलाके का नाम रोशन किया है। सोमवार को अफसर अकादमी माउंटआबू में हुई पासिंग आउट परेड में उन्हें असिस्टेंट कमांडेट के पद पर तैनाती मिली। उनकी तैनाती के बाद से ही उनके पूरे गांव में जश्न का माहौल छाया हुआ है और उनके परिजनों के बीच में खुशी की लहर छा गई है। उनकी माता कमला देवी, पिता सुरेन्द्र सिंह बिष्ट व अन्य स्वजन बेहद खुश हैं। लुणतरा गांव निवासी सेवानिवृत्त असिस्टेंट कमांडेंट सुरेंद्र सिंह बिष्ट के पुत्र मोहन की शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई है। उसके बाद हाईस्कूल व इंटरमीडिएट, राजकीय इंटर कालेज घाट से उत्तीर्ण करने के बाद मोहन बिष्ट ने पीजी कालेज गोपेश्वर से स्नातक एवं परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने अर्द्धसैनिक बल में असिस्टेंट कमांडेट का प्रशिक्षण पूरा किया है। दीक्षांत व शपथ ग्रहण समारोह में मोहन सेना के राजपत्रित अधिकारी बने।
मोहन की छह अगस्त 2017 को इस पद पर नियुक्ति हुई और तभी से वे इस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे थे। मोहन बिष्ट के नाम और भी कई उपलब्धियां जुड़ी हुई हैं। उनको नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाते हुए 12 नक्सलियों को मारने पर वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से राष्ट्रपति वीरता मेडल व प्रशस्ति पत्र से नवाजा जा चुका है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की पुलिस प्रतियोगिता में भी एक स्वर्ण पदक व एक रजत पदक अर्जित किया है। साथ ही सीआरपीएफ में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें तीन महानिदेशक मेडल व 12 प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं।