उत्तराखंड: 30 साल बाद वापस घर लौटा खोया हुआ युवक

Update: 2022-03-22 12:28 GMT

नैनीताल न्यूज़: कौन कहता है कि चमत्कार नहीं होते। गौर से देखिए, चमत्कार की कई कहानियां हमारे आस-पास बिखरी पड़ी हैं। नैनीताल का एक परिवार होली के दिन एक ऐसे ही चमत्कार का साक्षी बना। इस परिवार का खोया हुआ बेटा होली पर घर लौट आया, वो भी एक-दो नहीं, पूरे 30 साल बाद। परिजन खुश थे, साथ ही हैरान भी। समझ नहीं पा रहे थे कि क्या प्रतिक्रिया दें. चलिए पूरी घटना बताते हैं। ये कहानी भुवन सुयाल की है। भुवन का परिवार हल्द्वानी के शांतिपुरी के निकट शिवपुरी बिंदुखत्ता में रहता है। 30 साल पहले भुवन साइकिल लेकर खाद लेने के लिए बाजार गए थे, लेकिन साइकिल को रास्ते में ही छोड़कर वह गायब हो गए। जब भुवन गए थे, तब वो 30 साल के थे। परिवार में एक बेटी और दुधमुंहा बेटा था। परेशान परिजन कई सालों तक बिहार, दिल्ली, रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ आदि शहरों में भुवन को खोजते रहे। देश का कोई कोना नहीं छोड़ा, हर जगह खोजबीन की, लेकिन भुवन का पता नहीं चला। बीते 19 मार्च की शाम को होली के दिन भुवन अचानक घर लौट आए। घरवाले सन्न रह गए। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि कोई तीस साल बाद लौट सकता है। घर पहुंचने पर भुवन ने अपने ही वृद्ध पिता से पूछा कि क्या यही दुर्गादत्त सुयाल का घर है।

भुवन के छोटे भाई त्रिलोक ने उन्हें पहचान लिया। पिता दुर्गादत्त और मां कुरनी देवी को विश्वास नहीं हुआ कि बेटा लौट आया है। उन्होंने बेटे की बाएं हाथ की अंगुली देखी जो बचपन में कट गई थी। इसके बाद उनका संदेह यकीन में बदल गया। मां कुरनी देवी की आंखों में खुशी के आंसू छलछला गए। वो तुरंत पिठाई लेकर आईं और बेटे को होली का तिलक कर उसका स्वागत किया। भुवन 1992 में अपने जिस बेटे के नामकरण के तुरंत बाद लापता हो गए थे, वह आज सेना में भर्ती हो चुका है। बेटी की शादी हो गई है। भुवन को लेकर परिजनों और लोगों के मन में कई सवाल हैं, लेकिन भुवन कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं। वो अपना मोबाइल फोन भी किसी को नहीं दे रहे। उन्होंने सिर्फ यही बताया कि वह पुरानी दिल्ली स्थित पीतल की कंपनी में काम करते हैं। परिजनों ने कहा कि होली पर उनका खोया बेटा लौट आया, इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। Bhuvan Suyal से मिलने के लिए घर पर रिश्तेदारों और पड़ोस के लोगों की भीड़ लगी है

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