उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पंतनगर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुमाऊं में पंतनगर यूनिवर्सिटी की भूमि पर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट ( new green field airport) बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की

Update: 2021-11-24 10:55 GMT

जनता से रिश्ता। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुमाऊं में पंतनगर यूनिवर्सिटी की भूमि पर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट ( new green field airport) बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. वहीं, कोर्ट के पूर्व आदेश पर सचिव विमानन नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार को आज कोर्ट में पेश होना था परन्तु कैबिनेट की मीटिंग होने के कारण वे कोर्ट में पेश नहीं हो सके. ऐसे में अब कोर्ट ने उन्हें 8 दिसम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में तलब होने के आदेश दिए हैं.आज नैनीताल हाई कोर्ट में मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. पंतनगर निवासी केशव कुमार पासी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कुमाऊं के लिए प्रस्तावित न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट ( new green field airport) को पंतनगर यूनिवर्सिटी के बीच में बनाया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में इस प्रस्तावित एयरपोर्ट को उत्तराखंड के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जाए और पंतनगर यूनिवर्सिटी के अस्तित्व को बचाया जाए. यहां पर एयरपोर्ट बनने से उत्तराखंड के लोगों को एयरपोर्ट पहुचने के लिए दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा.

याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रस्तावित एयरपोर्ट को यूनिवर्सिटी के बीच में न बनाकर नैनीताल व उधम सिंह नगर की तलहटी में सरकार की खाली पड़ी लगभग 76 हजार 800 सौ एकड़ बंजर जमीन में बनाया जाए. विश्वविधालय के आसपास सिडकुल, स्टेट हाइवे 37, पुराना एयरपोर्ट, पांच नदियां और 6 नहरें है. अगर यहां प्रस्तावित एयरपोर्ट बनता है तो विश्वविधालय का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.
वहीं, पन्तनगर एयरपोर्ट अभिभाजित उत्तर प्रदेश ने अपनी सुविधाओं को लेकर 1957 में बनाया गया था. अब उत्तराखंड अलग हो चुका है, इसलिए नए एयरपोर्ट को उत्तराखंड की सुविधाओ के अनुसार बनाया जाए. सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार ने 16 मार्च 2020 को उधम सिंह नगर के बरहैनी में एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव मांगा गया था, उसके बाद भी जिला अधिकारी ने गुपचुप तरीके से पंतनगर विश्वविद्यालय का प्रस्ताव भेज दिया. उन्होंने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि इस जगह में आबादी नहीं है. जबकि, यहां पर नगला, सिडकुल, विश्वविद्यालय, किच्छा, रुद्रपुर आबादी वाले क्षेत्र है. अगर एयरपोर्ट प्रस्तावित क्षेत्र में बनाया जाता है तो आम लोगों को पुराने एयरपोर्ट से 14 किलोमीटर और दूर जाना पड़ेगा.
ऐसे में अब मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट के पूर्व आदेश पर सचिव विमानन नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व में पेश न होने पर कोर्ट ने उन्हें 8 दिसम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में तलब होने के आदेश दिए हैं.


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