भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ में ताजा दरारों का सीबीआरआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा
चमोली जिला प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ में दिखाई देने वाली ताजा दरारों का केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा।
इस साल जनवरी में, जोशीमठ में भूमि धंसाव संकट ने राष्ट्रीय ध्यान खींचा। कई घरों, खेतों और सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं, जिससे शहर में रहना असुरक्षित हो गया और बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने पहाड़ी शहर के क्षतिग्रस्त हिस्सों के पुनर्निर्माण के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए यहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने उन्हें सीबीआरआई के वैज्ञानिकों से समन्वय स्थापित कर जोशीमठ में आई ताजा दरारों का उनसे सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने अधिकारियों से जोशीमठ में भूमि धंसने से प्रभावित भवनों की रेट्रोफिटिंग और नरसिंह मंदिर मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए सीबीआरआई वैज्ञानिकों के साथ समन्वय में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को भी कहा।
सीबीआरआई वैज्ञानिकों को पहले भी शहर में दो असुरक्षित होटलों के विध्वंस की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था, जो आसपास की आबादी के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। अधिकारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जोशीमठ के प्रीफैब्रिकेटेड भवन हेतु भूमि चयन एवं क्षतिग्रस्त महाविद्यालय भवन के निर्माण हेतु शीघ्र कार्यवाही करने को कहा।
उन्हें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों से सुझाव लेने के लिए भी कहा गया, जबकि पर्यटन विभाग को पर्यटक सुविधाएं बनाने के लिए भूमि की पहचान करने का निर्देश दिया गया। जोशीमठ में बनने वाले नये विद्यालय भवनों के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश भी शिक्षा विभाग को दिये गये।
जल संस्थान को नई पेयजल योजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया करने को कहा गया और जल निगम को जोशीमठ नगर पालिका के सभी वार्डों में सीवर लाइन, ड्रेनेज सिस्टम कार्ययोजना और डीपीआर तैयार करने के लिए एक सलाहकार का चयन करने के निर्देश दिए गए।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के समन्वय से जोशीमठ क्षेत्र में अलकनंदा नदी के तट पर सुरक्षा दीवार के निर्माण हेतु सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने तथा सीबीआरआई टीम द्वारा किये गये नवीन दरारों के सर्वेक्षण पर कार्यवाही करने को कहा गया।