CM Dhami ने भूतपूर्व सैनिक संगठन द्वारा आयोजित आभार कार्यक्रम में भाग लिया

Update: 2024-08-12 02:57 GMT
Uttarakhand देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी Pushkar Singh Dhami ने रविवार को देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित दून सैनिक संस्थान में उत्तराखंड भूतपूर्व सैनिक संगठन द्वारा आयोजित आभार एवं संवाद कार्यक्रम में भाग लिया।
पूर्व सैनिक संगठन के अधिकारियों एवं सैनिकों सहित वीर नारियों ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य में शहीद सैनिकों को दी जाने वाली अनुग्रह अनुदान राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने, शहीद सैनिकों के परिवारों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
शहीदों के आश्रितों को जिलाधिकारियों के कार्यालयों में समूह ‘ग’ व समूह ‘घ’ के अतिरिक्त अन्य विभागों में भी इन पदों पर नियुक्ति प्रदान करने के साथ ही सैनिक कल्याण विभाग में उपनल कर्मचारियों की भांति संविदा पर कार्यरत कर्मियों को भी अवकाश प्रदान करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक हिमालय के प्रहरी व पर्यावरण के रक्षक भी हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों से ‘हर घर तिरंगा’ व ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता में सहयोग की अपेक्षा करते हुए मसूरी में सैनिक विश्राम गृह के निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम में महिलाओं ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया तथा मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युद्ध में शहीद होने वाले सेना व अर्द्धसैन्य बलों के सैनिकों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्य सेवाओं में रोजगार प्रदान कर रही है। अब तक सैनिकों के 17 आश्रितों को राज्य सेवा में नौकरी दी जा चुकी है। उत्तराखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां वीरता पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को आजीवन एकमुश्त वार्षिक धनराशि दी जाती है।
विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों की एकमुश्त धनराशि में वृद्धि की गई है।
द्वितीय विश्व युद्ध के
भूतपूर्व सैनिकों और युद्ध विधवाओं को दी जाने वाली मासिक अनुदान राशि को 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना ने हमेशा अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। हमारी सेना का शौर्य और पराक्रम का इतिहास रहा है। उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरभूमि भी है। उत्तराखंड का हर परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। उत्तराखंड के सैनिकों और सैन्य परिवारों ने जो योगदान दिया है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक भव्य सैन्य धाम का भी उद्घाटन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाने का काम किया है। होली, दिवाली या कोई भी विशेष दिन हो, वे सेना के बीच जाते हैं और उनके साथ जश्न मनाते हैं। उनके नेतृत्व में सेना का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। वन रैंक वन पेंशन से सैनिकों का मनोबल बढ़ा है। हमें अपनी भारतीय सेना पर गर्व है, जिसकी बदौलत देश सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। हम राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसे बरकरार रखना भी हमारे लिए चुनौती है, जिन संकेतकों पर राज्य को और सुधार की आवश्यकता है, उन्हें बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे समय में हमारे देश के बहुत से लोग जातिवाद के बंधन में जकड़े हुए हैं। जबकि यह समय हमें सामूहिक रूप से इस मुद्दे पर चिंतन करने का है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में हो रही घटनाओं पर कैंडल मार्च निकालने वाले भी इस घटना से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि यह आपसी एकता का समय है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से राष्ट्र जागरण के कार्य में सहयोग करने को भी कहा। (एएनआई)
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