मास्टर प्लान को लागू करने में रोड़ा बनेगा अनियोजित निर्माण

Update: 2023-04-14 06:49 GMT

ऋषिकेश न्यूज़: बीते करीब साठ सालों में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का क्षेत्र सौ गुना ज्यादा विकसित हो चुका है. शहर और आसपास के विभिन्न इलाकों में बहुत तेजी के साथ निर्माण कार्य चल रहे हैं. पलायन भी इसका एक बड़ा कारण है. ऐसे में एमडीडीए के लिए 2041 तक के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान को धरातल पर लागू करना सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर नजर दौड़ाएं तो 1963 में प्राधिकरण के अंतर्गत दून नगर पालिका और आसपास के गांव को मिलाकर पांच स्कवायर किमी क्षेत्र ही विकसित था. जिसका दायरा अब 505 स्क्वायर किलोमीटर तक बढ़ गया है. जबकि इसमें केवल देहरादून और मसूरी का क्षेत्र ही शामिल है. परवादून और पछुवादून का क्षेत्र इसके अतिरिक्त है. दून शहर में रेजीडेंशियल यूज 85 हो चुका है. जबकि एक व्यवस्थित शहर बसाने के लिए यह 40 प्रतिशत होना चाहिए. भविष्य में पार्कों, ग्रीन स्पेस, सामुदायिक भवनों, पर्यटन के लिहाज से धर्मशालाओं, होटल, आदि की संभावनाओं को देखते हुए मास्टर प्लान में शेष बची कुछ खाली जमीनें चिन्हित की गई हैं. उनका लैंडयूज भी बदला गया है. चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि मास्टर प्लान जल्द लागू हो सके, उसके लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा.

दूसरे चरण में वेब बेस्ड जीआईएस मैपिंग मास्टर प्लान: नियोजन विभाग द्वारा दूसरे चरण में वेब बेस्ड जीआईएस मैपिंग मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. ताकि आम जनता भी अपने मकान, भूमि आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सके. एडवांस तकनीक पर आधारित प्लान में खसरा नंबर भी देख पाएंगे. यह काम किसी अनुभवी आईटी कंपनी को सौंपा जाएगा. मौजूदा मास्टर प्लान में जनता को सीमित जानकारी ही मिल पा रही है. क्योंकि जीआईएस मैपिंग के माध्यम से आधारित डीजिटल मास्टर प्लान को विस्तृत रूप से लोग ऑनलाइन देख सकें, इसके लिए नियोजन विभाग को लाखों रुपये की लागत से सॉफ्टवेयर खरीदना होगा.

इंदिरा मार्केट प्रोजेक्ट का काम दो माह से ठप: इंदिरा मार्केट रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का काम बीते करीब दो माह से ठप पड़ा है. इस बात को लेकर अस्थाई मार्केट में शिफ्ट हो चुके व्यापारियों और अन्य लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई है. माकपा सचिव अनंत आकाश ने कहा कि आखिर एमडीडीए, जिला प्रशासन के अधिकारी लंबे समय से काम बंद होने पर चुप्पी साधकर क्यों बैठे हैं. कंपनी के खिलाफ व्यापारियों ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.

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