गिरफ्त में डेढ़ लाख के दो इनामी, एक शातिर चोर

Update: 2023-01-05 18:44 GMT
हल्द्वानी। पुलिस की डेढ़ लाख के दो इनामी हैं। इसमें से एक घोड़ासन गैंग का शातिर चोर और दूसरा पेशेवर अपराधी है। इस पेशेवर अपराधी ने कुछ माह पहले ही कुमाऊं ज्वैर्ल्स के मालिक का कत्ल करने की कोशिश की थी। दोनों में से एक नेपाल में दुबक कर बैठा था, जबकि दूसरे ने कलकत्ता में शरण में ले रखी थी।
घोड़ासन गैंग के शातिर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था, जबकि पेशेवर अपराधी रमन पर 50 हजार रुपये का इनाम था। गुरुवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी पंकज भट्ट ने इस मामले का खुलासा किया। इस दौरान एसपी क्राइम जगदीश चंद्र, एसपी सिटी हरबंस सिंह, सीओ नैनीताल विभा दीक्षित, सीओ भवाली नितिन लोहनी, सीओ लालकुआं अभिनय चौधरी और सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी मौजूद रहे।
हल्द्वानी। बीते वर्ष 2 नवंबर को हीरानगर निवासी राजीव वर्मा पुत्र राम शरन पर उन्हीं के घर के बाहर बाइक सवार मनोज अधिकारी निवासी गौजाजाली और सैथवाला गूलरभोज गदरपुर निवासी रमन कपूर उर्फ जिम्मी ने गोली चलाई। ऊधमसिंहनगर में मुठभेड़ के बाद मनोज तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन रमन पुलिस की आंखों में धूप झोंक कर फरार हो गया। पुलिस से बचते-बचते रमन कभी उत्तर प्रदेश तो कभी दिल्ली और हरियाणा में ठिकाने बदलता रहा और कलकत्ता जा पहुंचा। पैसे खत्म हुए तो रमन ने गुरुद्वारों और मंदिरों में शरण ली और जब पाई-पाई को मोहताज हुआ तो पैसे लेने घर आ पहुंचा।
पुलिस को भनक लगी तो रमन को पंतनगर से दिनेशपुर जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार कर लिया गया। टीम में कोतवाल हरेंद्र चौधरी, कालाढूंगी थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत, एसएसआई महेंद्र प्रसाद, का.शेखर मल्होत्रा, कुंदन कठायत, रविंद्र लाडी, अशोक रावत थे। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कबाड़ी बनकर रह रहा रियाज उर्फ रियाजुद्दीन पुत्र जमालुद्दीन उर्फ कयामुद्दीन पकड़ा गया तो पता चला कि उस पर एक लाख का इनाम था। रियाज ने वर्ष 2018 में ठंडी सड़क रोड स्थित एक मोबाइल शोरूम का ताला तोड़ कर लाखों के मोबाइल पार कर दिए थे। तब से फरार रियाज लंबे समय तक नेपाल में रहा और पुलिस के डर से वह सिर्फ एक-दो रात के लिए अपने घर घोड़ासन आता था। इसके बाद वह अपना नाम और आई बदलकर गोरखपुर आ गया और यहां कबाड़ का काम करने लगा।
रियाज पर देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर के अलावा अन्य राज्यों में करीब तीन दर्जन केस दर्ज हैं। आरोपी वारदात के चार साल बाद गोरखपुर से हत्थे चढ़ा। टीम में एसओजी प्रभारी राजवीर सिंह नेगी, एसआई प्रकाश पोखरियाल, हे.का.त्रिलोक रौतेला, ललित श्रीवास्तव, का.अनिल गिरी, दिनेश नगरकोटी, भानू प्रताप थे।

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