देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड की प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी बस कंपनी गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन (जीएमओयू) ने टैक्सी सर्विस में भी कदम रख दिए. पहाड़ के हल्के वाहनों के लिए मंजूर रूटों पर टैक्सी सर्विस शुरू की है. जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल के अनुसार इससे जहां यात्रियों को सफर के लिए ज्यादा विकल्प मिलेंगे, वहीं किराया भी नियंत्रित रहेगा. फिलहाल पांच टैक्सी शुरू की गई हैं. आगे इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा.
जीएमओयू की इस पहल को परिवहन सेक्टर में बदलते ट्रेंड की तरह देख जा रहा है. राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं प्राइवेट बस कंपनियों और छोटे वाहन टैक्सी-मैक्सी, जीप कमांडर पर अधिक निर्भर हैं. रोडवेज एक बड़े ऑपरेटर के रूप में मौजूद तो है, लेकिन उसका दायरा ज्यादा विस्तृत नहीं है. हालिया कुछ वर्षों राज्य में सड़क नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है. गांवों तक सड़क तो पहुंची है लेकिन बस के रूप में यातायात सुविधा नहीं पहुंची. यहां लोग टैक्सी-मैक्सी सरीखे हल्के वाहनों पर निर्भर हैं. हालिया कुछ वर्षों में जीएमओयू को कई रूटों पर अपनी बस सेवाओं को बंद करना पड़ा है. पटवाल बताते हैं कि लंबे समय से इस पहलू पर विचार किया जा रहा था. हल्के वाहन रूट पर बस सेवाएं नहीं चलाई जा सकती. इसलिए टैक्सी सेवाओं को कंपनी से जोड़ने का निर्णय किया गया. जो लोग जीएमओयू से जुड़कर सेवाएं देने के इच्छुक थे, उन्हें साथ लिया गया है.
कोटद्वार से त्रिपालीसैंण, पाबौ, पोखड़ा समेत कुछ रूट पर सेवा शुरू कर दी गई है. इनका समय नियमित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बस के समान ही एक निश्चित समय पर यातायात सुविधा मिले. इन टैक्सियों का संचालन कंपनी के अधीन किया जाएगा, किराया भी नियंत्रित रहेगा. दूसरी तरफ, जीएमओयू के प्रयोग पर प्रदेश की बाकी बस कंपनियों और छोटे वाहन संचालकों की भी नजर है. केएमओयू के अध्यक्ष सुरेश डसीला कहते हैं भविष्य में इस पहलू पर भी विचार किया जाएगा.