हल्द्वानी न्यूज़: देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल व कुमाऊं ट्रांसपोर्ट यूनियन संयुक्त मोर्चा भी गौला खनन वाहन स्वामियों के समर्थन में आ गया है। गुरुवार को उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर में राज्य सरकार की खनन नीति एवं परिवहन नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। मोर्चा के दया किशन शर्मा ने कहा कि वाहन स्वामियों के ऊपर जीपीएस थोपकर और फिटनेस शुल्क बढ़ाकर वाहन स्वामियों पर आर्थिक बोझ डाला गया है। प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर के अधिकांश व्यवसायी गौला नदी के खनन से जुड़े हुए हैं। मोटर पार्ट्स, टायर ट्यूब, बैट्री, इलेक्ट्रिकल पार्ट्स, मोटर मैकेनिक, वेल्डर, चालक-परिचालक, फैब्रिकेटर्स सभी इस व्यवसाय से जुड़े हैं। गौला नदी में समय से खनन न शुरू होने से सिर्फ डंपर स्वामी ही नहीं बल्कि इनके आगे भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि राज्य सरकार की खनन नीति में भी सुधार की जरूरत है। वे भी एक राज्य एक रॉयल्टी की मांग का समर्थन करते हैं। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 7 से ₹8 कुंतल की रॉयल्टी है जबकि उत्तराखंड में 32 रुपये वसूला जा रहा है।
गौला नदी खनन वाहन स्वामियों के वाहन सरेंडर होने से सीधे तौर पर ट्रांसपोर्ट नगर व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। यातायात नगर के व्यापारी व ट्रांसपोर्टर राज्य सरकार से मांग करते है इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेकर समाधान निकालें जिससे कि ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को रोजगार मिल सके। इस दौरान ललित रौतेला, जसमीत सिंह, मयंक जोशी, राजकुमार सिंह नेगी, नवीन चंद्र मेलकानी, रोहित रौतेला, रविंद्र सिंह ओबरॉय, जगत सिंह नेगी, हीरा कार्की, भूपेंद्र सिंह, पम्मी गुजराल आदि उपस्थित थे।