मौसम की मेहरबानी से बचा तीन हजार हेक्टेयर जंगल

Update: 2023-06-09 11:57 GMT

ऋषिकेश न्यूज़: इस बार गर्मी के मौसम में अभी तक हालात जंगलों की सेहत के लिए काफी अच्छे रहे हैं. प्रदेशभर में रुक-रुककर हुई बारिश के कारण इस साल, पिछले साल की तुलना में कम जंगल जले. इससे गतवर्ष की तुलना में इस बार करीब तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा नष्ट होने से बच गई. अब 15 जून से पीक फायर सीजन खत्म होने को है, ऐसे में नमी और बारिश के बीच आने वाले कुछ दिनों में भी आग लगने की कम ही संभावना जताई जा रही.

उत्तराखंड में एक नवंबर से 15 जून तक फायर सीजन रहता है. इस बार प्रदेश में फायर सीजन के दौरान अब तक 552 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़े. जंगलों के इस स्तर पर जलने से अरबों की रुपये की वनस्पति, वन्यजीव और पर्यावरण की क्षति होती है. इसके सापेक्ष पिछले साल पूरे फायर सीजन में तीन हजार चार सौ पच्चीस हेक्टेयर जंगल जले. इससे 38 हेक्टेयर नया प्लांटेशन एरिया भी प्रभावित हुआ. 2021 में तो चार हजार हेक्टेयर जंगल फायर सीजन में जल गए थे और 222 हेक्टेयर प्लांटेशन भी खत्म हो गया. विशेषज्ञों को मानना है कि इस बार अप्रैल से शुरू हुई और मई-जून तक चल रही बारिश से जंगलों में काफी नमी है. इससे आने वाले दिनों में भी आग का उतना खतरा नहीं. उसके बाद जल्द मानसून शुरू हो जाएगा.

इस बार अब तक जंगल में आग की घटनाएं काफी कम हुई हैं. इसके पीछे इस बार अब तक हुई बारिश मुख्य वजह है. आगे भी पहले मौसम में मौजूद नमी और फिर मानसून के आने के चलते जंगलों में आग लगने की संभावना कम होगी. हालांकि अभी तापमान बढ़ने के कारण अलर्ट किया गया है और ऐसे में हम पूरी तरह सतर्क हैं कि आने वाले वक्त में भी जंगल में आग की घटनाएं ना हों. -निशांत वर्मा, सीसीएफ वनाग्नि व आपदा प्रबंधन

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