भीषण हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, परिवार में मचा कोराहम

Update: 2022-10-06 09:56 GMT
पौड़ी, पौड़ी बस हादसे में रसूलपुर गांव के रहने वाले एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से क्षेत्र में कोराहम मच गया है। इनमें मामा, मामी, भांजे की एक ही घर से अर्थी उठना मानो लोगों के ऊपर पहाड़ टूट जैसा मंजर है। यहीं नहीं गांव के ही एक परिवार का भी एक व्यक्ति की हादसे में मौत हुई है। तीसरे दिन शवों के पहुंचते ही परिजनों व गांव में गमगीन माहौल रहा। इसके बाद सभी मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि कोटद्वार बीरोंखाल के सिमड़ी में मंगलवार देर शाम हुए बस हादसे में वाहन चालक समेत 33 बरातियों की मौत हो गई जबकि 19 लोग घायल हुए हैं। बुधवार देर शाम तक सिमड़ी में पूर्वी नयार नदी की खाई (200 मीटर खाई) से पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने 31 शव निकाले। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिखणीखाल अस्पताल में भेजा गया। पोस्टमार्टम के दौरान 24 शवों की शिनाख्त कर ली गई। देर शाम तक शिनाख्त कराने के प्रयास जारी रहा। मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि हादसे का कारण ओवरलोडिंग है।
 लालढांग से गई बरात में रसूलपुर गांव से पांच लोग गए थे। सभी दूल्हे के रिश्तेदार हैं। इनमें चार लोगों की मौत हादसे में मौत हो चुकी है। केवल एक चार साल की बच्ची शिवानी ही गांव से गए बरातियों की बस हादसे से सुरक्षित बची है। मृतकों में दूल्हे के रिश्तेदार मुकेश पुत्र छोटेलाल (36), गुड़िया पत्नी अनिल (29), गुड़िया के जेठ संगीत पुत्र भूरानाथ (36) और संगीत का भांजा पंकज पुत्र गोविंद है।
गुरुवार को सुबह 8:30 बजे सभी के शव गांव पहुंचे। जिसपर परिजनों में हाहाकार मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजनों और ग्रामीणों की ओर से तीन शवों को हरिद्वार के चंडीघाट श्मशान घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि मुकेश को नदी किनारे भू-समाधि दी गई है।
रसूलपुर के ग्रामीणों ने बताया कि मुकेश अविवाहित थे और वह पहले ही अपनी मौत के बाद अंतिम संस्कार करने की बजाय समाधि देने की बात कहते थे। मुकेश एक संप्रदाय विशेष से जुड़े हुए थे। वहीं क्षेत्र के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने भी लालढांग पहुंचकर बस हादसे के पीड़ित परिवारजनों को ढांढस बंधाया।

सोर्स- अमृत विचार।

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