उत्तराखंड में इस साल भी 15 प्रतिशत ही तबादले

Update: 2023-04-17 13:01 GMT

देहरादून न्यूज़: प्रदेश में पिछले साल की तरह इस साल भी रिक्त पदों के सापेक्ष 15 प्रतिशत ही तबादले किए जाएंगे. यदि विभागों को ज्यादा तबादलों की जरूरत महसूस होती है तो वो तबादला ऐक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति(धारा-27) से अनुमति ले सकते हैं. उधर, शिक्षा विभाग को स्कूलों में छात्र संख्या के अनुसार शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं. शिक्षकों के तबादले छात्र संख्या की जरूरत के अनुसार ही किए जाएंगे.

मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में शाम उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी. सूत्रों के अनुसार,इस बैठक में शिक्षा विभाग के विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई. शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों के तबादलों में ऐक्ट के प्रावधानों के चलते व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं. नियमानुसार पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बराबर तबादले करने पड़ते हैं. चूंकि पर्वतीय जिलों में छात्र संख्या कम है और कई स्थानों पर शिक्षकों की संख्या ज्यादा है. वहीं, मैदानी क्षेत्र के स्कूलों में कई जगह छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है और शिक्षक कम हैं. शिक्षकों के नहीं होने पर बीच सत्र में तबादला ऐक्ट की वजह से तबादला करना मुमकिन नहीं होता. ऐसे में अटैचमेंट की व्यवस्था भी अधिक प्रभावी नहीं है.

मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने शिक्षा सचिव रविनाथ रमन और अपर सचिव मेजर योगेंद्र यादव को शिक्षकों और छात्र संख्या का आकलन करने को कहा. मुख्य सचिव ने कहा कि जहां छात्र संख्या के अनुसार ज्यादा शिक्षकों की आवश्यकता है, वहां अधिक तबादले किए जा सकते हैं. छात्र हित में आवश्यकता के अनुसार तबादलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को तबादला प्रक्रिया जल्द शुरू करने को कहा. उन्होंने कहा कि ऐक्ट के प्रावधानों के अनुसार तबादले समय पर होने चाहिए. बैठक में कार्मिक सचिव शैलेश बगोली, श्रम सचिव विजय यादव, अपर सचिव-कार्मिक ललित मोहन रयाल भी मौजूद रहे.

शिक्षकों की तबादला नीति पर भी मुहर:

हरियाणा की तर्ज पर तैयार की गई शिक्षा विभाग की तबादला नीति को भी मुख्य सचिव समिति ने मंजूरी दे दी. मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वो इस नीति पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन ले लें. इसके बाद मुख्य सचिव समिति के जरिए इसका अनुपालन किया जा सकता है. मालूम हो कि मुख्य सचिव समिति से मंजूरी हासिल कर चुके प्रस्तावो को अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाता है. इन प्रस्तावों को लागू करने अथवा नहीं करने का फैसला मुख्यमंत्री अपने स्तर से लेते हैं.

अहम फैसले:

1. सैनिक पति-पत्नी होने पर कार्मिकों को तबादले में विशेष छूट

2. जेई-एई का गृह सब डिवीजन और तहसील में नहीं होगा तबादला

3. अधिशासी अभियंता का तबादला होम डिवीजन में नहीं होगा

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