इस कड़वे सच से भी पर्दा उठाती है ये रिपोर्ट

Update: 2022-07-17 09:46 GMT

जिले के तीन बड़े निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) के मामले इस बात की तस्दीक करते हैं कि किडनी दान करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है। किडनी दान करने वालों में किसी महिला ने अपने बेटे या बेटी, किसी ने पिता, भाई-बहन तो किसी ने अपने पति का जीवन बचाने के लिए दान की।

घर के चौके चूल्हे की सीमाओं से आगे बढ़कर महिलाएं आज जहां जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक में अपनी काबिलियत दिखा रहीं हैं, वहीं किडनी दान कर अपनों की जान बचाने में भी वह तत्पर नजर आती हैं। किडनी दान करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है।

जिले के तीन बड़े निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) के मामले इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। यह मामले बताते हैं कि किडनी दान करने वालों में किसी महिला ने अपने बेटे या बेटी, किसी ने पिता, भाई-बहन तो किसी ने अपने पति का जीवन बचाने के लिए दान की।

पटेलनगर स्थित श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में पिछले लगभग पांच साल में अस्पताल में 12 लोगों में किडनी प्रत्यारोपण किया गया, जिनमें आठ महिलाओं और पांच पुरुषों ने किडनी दान की। इसी तरह मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल में जनवरी 2018 में पहले मरीज को किडनी प्रत्यारोपित की गई।

इसके बाद से अब तक जितने किडनी प्रत्यारोपण के मामले सामने आए हैं, उनमें किडनी दान करने वालों में 90 फीसदी माताएं और पत्नियां हैं, जबकि हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में पिछले सात से अधिक वर्षों में किडनी प्रत्यारोपण के 66 मामले रहे। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के लिवर एंड किडनी ट्रांसप्लांन सर्जन डॉ. कर्मवीर सिंह ने बताया कि अपनों को किडनी दान करने वालों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। किडनी दान करने के लिए खून का रिश्ता, नजदीकी रिश्ता या भावनात्मक रिश्ता होना जरूरी है।

परिवारों में यही धारणा-लड़कों से नहीं लेंगे किडनी

किडनी की अधिकतर बीमारियों में लिंग भेद नहीं है। किडनी दान करने में भारत में लिंग भेद देखा गया है। किडनी दान में ज्यादातर माताएं, बहनें व पत्नियां शामिल हैं। हिंदुस्तानी परिवेश के परिवारों में यही धारणा है कि लड़कों से किडनी नहीं लेंगे। समाज में धारणाएं जो बनी हुई हैं, अगर डोनेशन से कुछ होगा तो लड़के को नहीं होना चाहिए लड़की को भले ही हो जाए। दूसरा कारण कि प्रकृति ने महिलाओं को ज्यादा भावुक और ममतामयी बनाया है, इसलिए वह अपने परिवार और परिजनों के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहती हैं। आमतौर पर देखा गया है कि अगर एक दंपति है, तो उसमें से पत्नी से उम्मीद की जाती है, लेकिन पति से उम्मीद नहीं की जाती है।

किडनी दान रक्त संबंधी पति-पत्नी, नजदीकी रिश्तेदार कर सकते हैं। किडनी दान करने वाला पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए। 18 साल से ऊपर और 65-70 साल तक के इंसान ही किडनी दान कर सकते हैं। एक किडनी दान करने पर भी दाता और मरीज दोनों का जीवन आसानी से चल सकता है। किडनी दान को लेकर राज्य सरकार ने डीजी हेल्थ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। अस्पताल की ओर से दस्तावेज भेजे जाने के बाद कमेटी कई पहलुओं की जांच करती है। अनुमति के बाद ही किडनी प्रत्यारोपण किया जाता है। - डॉ. आलोक कुमार, वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट, श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल

नसबंदी से लेकर अंग दान तक में महिलाएं ही आगे हैं। नसबंदी जैसे छोटे से ऑपरेशन में भी पुरुष हिचकते हैं, जबकि आंकड़े दर्शाते हैं कि नसबंदी कराने में भी महिलाएं पुरुषों की तुलना में बहुत आगे हैं। अधिकतर महिलाएं बड़ा दिल दिखाती हैं। महिलाएं ज्यादा भावनात्मक होती हैं। बात अगर शराब के सेवन और धूम्रपान जैसे व्यसनों की करें तो इसमें पुरुष आगे नजर आते हैं।

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