नैनीताल- Elephant Corridor Ramnagar जो Corbett National Park से सटा क्षेत्र है पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी किये हैं। जिसके बाद यहां के होटल और रिसॉर्ट के स्वामियों को बीच खलबली मच गई है। इस आदेश के बाद सभी की नजरें सरकार की कार्रवाई पर टिक गई हैं।
नैनीताल हाई कोर्ट ने रामनगर- मोहान मार्ग पर पड़ने वाले Elephant Corridor Ramnagar को लेकर सरकार को निर्देश दिये हैं कि Elephant Corridor Ramnagar में हाथियों को नदियों में जाने वाले रास्ते में जो भी निर्माण कार्य बाधा बन रहे हैं उन्हें सरकार हटाये और उस से संबंधित मुआवजा भी दे। इस आदेश के बाद यहां बने रिसॉर्ट और होटल संचालकों के बीच खलबली मच गई है।
Corbett National Park से लगे हुए क्षेत्रों जैसे रामनगर- मोहान मार्ग, चिल्किया- काटो, दक्षिण पाटलीदून- चिल्किया, मलानी- कोटा जो Elephant Corridor Ramnagar में आते हैं। इन में बहुत अधिक निर्माण कार्य हुए हैं जो यहां की क्षमता से भी अधिक हैं। ऐसे में हाथियों को इधर- उधर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
प्रोजेक्ट एलीफेंट की तहत Elephant Corridor Ramnagar के रामनगर- मोहान मार्ग पर एक सर्वे 2016 में किया गया था। इस सर्वे के रिपोर्ट में यह कहा गया था कि यहां बने रिजार्ट और होटल के कारण हाथियों का नदी तक जाने वाला मार्ग रोका गया है, कहीं- कहीं पर तो घना निर्माण कार्य भी हुआ है। यहां रात में भी बहुत ट्रैफिक रहता है। साथ ही यह भी सामने आया था कि यहां होटल और रिसॉर्ट संचालक रात को पर्यटकों को वन्य जीवों को दिखाने जा जाते थे। इस रिपोर्ट पर कोर्ट ने यहां नाइट गार्ड नियुक्त करने का आदेश दिया था और सरकार को यहां निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ियों Elephant Corridor को लेकर एक फैसला सुनाया था। इस फैसले में Elephant Corridor में हाथियों के रास्ते में बाधा बनने वाले निर्माण कार्यों को हटाने के निर्देश दिये थे। तब वहां निर्माण कार्य हटाये गये थे और उन्हें मुआवजा भी दिया गया था। इस निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने सभी Elephant Corridor को लेकर भी निर्देश दिये थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश पर यहां कोई कार्रवाई नहीं हुई।