उत्तराखंड के कई इलाकों में तेज गर्जना के साथ हल्की बारिश की आशंका, नैनीताल के बनियानाला में फिर हुआ भूस्खलन

नैनीताल के बनियानाला में फिर हुआ भूस्खलन

Update: 2021-10-23 10:58 GMT

उत्तराखंड में मौसम आज फिर करवट बदल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में देहरादून के साथ ही उत्तरकाशी, हरिद्वार, नैनीताल और चंपावत में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ हल्की बारिश होगी। फिलहाल भारी बारिश की संभावना नहीं जताई है।


मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी दून में भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और शनिवार की शाम या रात में कुछ स्थानों पर तेज गर्जना के साथ हल्की बारिश की संभावना है। बता दें, पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ की अत्यधिक सक्रियता और दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के दबाव के चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक मौसम का मिजाज बदल गया था।

बीते दिनों बारिश से हुआ काफी नुकसान
पूरे राज्य में रिकॉर्ड तोड़ मूसलाधार बारिश हुई। खासकर कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के चलते जहां 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई और करोड़ों की संपत्तियों का नुकसान हुआ। हालांकि मौसम विज्ञानियों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी-पूर्वी हवाओं का प्रभाव बिल्कुल खत्म हो गया है। ऐसे में अब भारी बारिश के आसार कतई नहीं है।

सुबह तक 400 श्रद्धालु पहुंचे यमुनोत्री धाम
यमुनोत्री हाईवे के साथ ही यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारू रूप से हो रही है। यमुनोत्री धाम के आखिरी प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी पुलिस चौकी प्रभारी गंभीर तोमर ने बताया कि सुबह से अभी तक 400 यात्रियो ने यमुनोत्री धाम पहुंचकर मां यमुना के दर्शन किए।

नैनीताल के बनियानाला में हुआ भूस्खलन
नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में शनिवार को फिर भूस्खलन हो गया। भूस्खलन जीआईसी विद्यालय के मुहाने तक पहुंच गया है। इससे विद्यालय समेत तमाम भवनों को भारी खतरा पैदा हो गया है। इस जगह पर कुछ दिन पहले भी भूस्खलन हुआ था। बलियानाला क्षेत्र नैनीताल शहर की तलहटी में स्थित है। यहां दशकों से भूस्खलन होता आ रहा है। अब तक कोई भी तकनीक इसे रोकने में कामयाब नहीं हुई है। धीरे-धीरे यह शहर की ओर बढ़ रहा है। इसकी जड़ में आए अनेक भवन पूर्व में खाली कराए जा चुके हैं और दर्जनों लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं।
छठे दिन भी नहीं खुला मलारी हाईवे
मलारी हाईवे आज शनिवार को छठे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया। हाईवे बंद होने से ग्रामीणों के साथ ही सेना के जवानों की आवाजाही भी थम गई है। नीती घाटी के ग्रामीण इन दिनों ठंड बढ़ने के कारण जिले के निचले क्षेत्रों में पहुंचे जाते हैं, लेकिन हाईवे बंद होने से ग्रामीण निचले क्षेत्रों में नहीं आ पा रहे हैं।

18, 19 अक्तूबर को अतिवृष्टि से मलारी हाईवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। बीआरओ ने तमकनाला तक हाईवे सुचारु कर दिया है, लेकिन इससे आगे कई जगहों पर हाईवे ध्वस्त पड़ा है। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि मलारी हाईवे को 26 अक्तूबर तक वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। हाईवे को खोलने के लिए 15 मशीनें और करीब सौ मजदूर लगाए गए हैं। कई जगहों पर सड़क ध्वस्त है, जिससे यहां हिल कटिंग कार्य करना पड़ रहा है।

हेमकुंड साहिब में दो फीट बर्फ
हेमकुंड साहिब में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बीते दिनों हुई बारिश-बर्फबारी के बाद हेमकुंड साहिब बर्फ से ढक गया है। बर्फबारी के बाद मौसम सामान्य होने पर हेमकुंड साहिब के प्राकृतिक सौंदर्य में निखार आ गया है। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा और गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में दो फीट तक बर्फ जम गई है और यहां सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। हेमकुंड साहिब के कपाट बीते 10 अक्तूबर को बंद हो गए थे।


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