राज्य में पहली मूसलाधार बारिश से चीन सीमा तक जाने वाली सड़क हुई खस्ताहाल, आपदा प्रबंधन विभाग हुआ सक्रिय

Update: 2022-07-03 08:41 GMT

देवभूमि पिथौरागढ़ न्यूज़: मानसून की दस्तक के साथ ही मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया है। पहाड़ी जिलों में भूस्खलन तो मैदानी जिलों में बारिश से जलभराव और भूकटान की खबरें आ रही हैं। जगह-जगह सड़क जाम हो रही हैं हालांकि पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग भी सक्रिय हैं। इन सबके बीच राज्य में चीन सीमा तक पहली सड़क पहली ही बारिश में खस्ताहाल हो गई। तवाघाट- गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग पर बीते चार दिन से यातायात ठप हो गया। फिलहाल मार्ग को यातायात के लिए खोला गया है लेकिन बारिश होने पर मार्ग कभी भी बंद हो सकता है। धारचूला की व्यास घाटी में चीन सीमा तक गर्बाधार से लिपुलेख तक 78 किमी सड़क साल 2020 में बन सकी थी । मई 2020 में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से इस सड़क का ई उद्घाटन किया। 2021 में मानसून काल के प्रारंभिक चरण में ही सड़क 36 दिन बंद रही। इसके बाद मानसून काल में सड़क आए दिन बंद होती रही। इस सड़क को तवाघाट -लिपुलेख मार्ग से जाना जाता है। तवाघाट से लिपुलेख की दूरी 88 किमी है।

यही मार्ग कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग है। सीमा पर बनी यह सड़क सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। विगत चार दिनों से बंद सड़क तो बीआरओ ने खोल दी है लेकिन हल्की बारिश में ही सड़क के फिर से बंद होने के आसार हैं। मलघाट के पास विशाल बोल्डर सड़क पर आए हैं और पहाड़ की तरफ बोल्डर अटके हैं। तवाघाट- लिपुलेख मार्ग पर मलघाट, मांगती, गर्बाधार से नजंग तक पांच किमी , मालपा के पास तीन किमी, च्यलसीता, गर्ब्यांग के पास संवेदनशील स्थल है।

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