चमोली न्यूज़: आस्था के प्रमुख केंद्र बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया पंच पूजाओं के साथ शुरू हो गई है। मंगलवार को भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के बाद रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी की मौजूदगी में विधि विधान के गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की गई और विधि विधान के साथ गणेश मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। शनिवार 19 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद कर दिये जाएंगे। बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि परंपरानुसार बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं आज मंगलवार को भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद होने के साथ शुरू हो गई है।
16 नवंबर को बदरीनाथ धाम में ही स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे जबकि 17 नवंबर को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रख वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा। 18 नवंबर को मां लक्ष्मी गर्भगृह में विराजमान होंगी। इसके बाद 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे। इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर जिले में राजकीय अवकाश घोषित किया गया है। इस बार 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे।
धाम में बर्फबारी से चमक उठीं पहाड़ियां: बदरीनाथ धाम में सोमवार रात और मंगलवार सुबह हुई बर्फबारी से पहाड़ियां चमक उठी हैं। मौसम विभाग ने राज्य के उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के 3300 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई थी। बदरीनाथ धाम में मंगलवार सुबह जोरदार बर्फबारी हुई है। धाम में कई फीट बर्फ जम गई है। सर्द हवाओं से बदरीनाथ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।