शहीद हुए उत्तराखंड निवासी लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर मंगलवार को हल्द्वानी में
एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन सेना और उनके परिवार के लगातार संपर्क में है। बताया कि उनके परिवार के हल्द्वानी स्थित आवास में जाकर परिजनों से बात की गई है।
38 साल पहले सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड निवासी लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर मंगलवार को हल्द्वानी में पहुंचने की संभावना है। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन सेना और उनके परिवार के लगातार संपर्क में है। बताया कि उनके परिवार के हल्द्वानी स्थित आवास में जाकर परिजनों से बात की गई है और ढांढस बंधाया गया।
ऑपरेशन मेघदूत में थे शामिल
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हर्बोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे। वह 1975 में सेना में भर्ती हुए थे। 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन के लिए झड़प हो गई थी। भारत ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन मेघदूत रखा था।
ग्लेशियर की चपेट में आकर हुए थे शहीद
भारत की ओर से मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई थी। इसमें लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला भी शामिल थे। सभी सैनिक सियाचिन में ग्लेशियर टूटने की वजह से इसकी चपेट में आ गए जिसके बाद किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं रही। भारत सरकार और सेना की ओर से सैनिकों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसमें 15 सैनिकों के पार्थिव शरीर मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चल सका था।
ये 20 सैनिक हुए थे हादसे का शिकार
1- पीएस पुंडीर, जिला-इलाहाबाद
2- मोती सिंह, जिला- पिथौरागढ़
3- गोविंद बल्लभ, जिला-अल्मोड़ा
4- भगवत सिंह, जिला-अल्मोड़ा
5- दयाकिशन, जिला-नैनीताल
6- राम सिंह, जिला-नैनीताल
7- चंद्र शेखर हर्बोला, जिला-अल्मोड़ा
8- चंद्रशेखर, जिला-पिथौरागढ़
9- जगत सिंह, जिला-पिथौरागढ़
10- गंगा सिंह, जिला-अल्मोड़ा
11- महेंद्र पाल सिंह, जिला-पिथौरागढ़
12- जगत सिंह, जिला-पिथौरागढ़
13- हयात सिंह, जिला-पिथौरागढ़
14- भूपाल सिंह, जिला-पिथौरागढ़
15- नरेंद्र सिंह, जिला-पिथौरागढ़
16- राजेंद्र सिंह, जिला-अल्मोड़ा
17- भीम सिंह, जिला-पिथौरागढ़
18- मोहन सिंह भंडारी, जिला-अल्मोड़ा
19- पुष्कर सिंह, जिला-पिथौरागढ़
20- जगदीश चंद्र, जिला-पिथौरागढ़